राजनीति: बिहार की जेलों में छठमय माहौल, गूंज रहे हैं छठी मईया के गीत

लोक आस्था के महापर्व छठ पर पूरा बिहार छठमय हो गया है। शहर के मुहल्लों, गांव की गलियों से लेकर चौक-चौराहों तक में छठी मईया के गीत गूंज रहे हैं। इन सब से दूर सभी मनोकामना पूर्ण करने वाले इस पर्व में बिहार की जेलों में भी छठ के गीत गाए जा रहे हैं। जेलों का माहैल भी भक्तिमय हो गया है। बिहार के विभिन्न जेलों में बंद कई कैदी भी सूर्योपासना के व्रत श्रद्धापूर्वक कर रहे हैं। इसके लिए जेल प्रशासन ने भी खास तैयारी की है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-05 06:24 GMT

पटना, 5 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के महापर्व छठ पर पूरा बिहार छठमय हो गया है। शहर के मुहल्लों, गांव की गलियों से लेकर चौक-चौराहों तक में छठी मईया के गीत गूंज रहे हैं। इन सब से दूर सभी मनोकामना पूर्ण करने वाले इस पर्व में बिहार की जेलों में भी छठ के गीत गाए जा रहे हैं। जेलों का माहैल भी भक्तिमय हो गया है। बिहार के विभिन्न जेलों में बंद कई कैदी भी सूर्योपासना के व्रत श्रद्धापूर्वक कर रहे हैं। इसके लिए जेल प्रशासन ने भी खास तैयारी की है।

पटना के बेउर जेल में महिला और पुरुष सहित 70 बंदी छठ पूजा कर रहे हैं। मौके पर जेल प्रशासन ने सभी छठ व्रतियों के लिये पूरी तैयारी की है। जेल में मौजूद छठव्रतियों को पूजन सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। मंगलवार को छठ व्रत के पहले दिन नहाय - जेल को लेकर सभी कैदियों को प्रसाद के रूप में कद्दु-चावल दिया जाएगा। इसके अलावा खरना के रोज भी कारा प्रशासन बंदियों को प्रसाद उपलब्ध कराएगा। कुल 13 महिलाएं और 57 पुरुष बंदी छठ व्रत करेंगे।

जेल अधीक्षक विधु कुमार ने बताया कि लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर जेल में साफ-सफाई की गई है। छठ पूजा करने वाले बंदियों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

उन्होंने बताया कि भले ही व्रत 70 बंदी कर रहे हैं परंतु उनकी मदद के सभी कैदी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेउर जेल में प्रत्येक वर्ष कैदियों द्वारा छठ व्रत किया जाता है।

भागलपुर जिले की जेलों में भी छठ के गीत गूंज रहे हैं तथा पूरा माहौल भक्तिमय बन गया है। यहां 50 कैदी छठ पर्व में जुटे हुए हैं। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय जेल में 25 पुरुष, महिला मंडल कारा में 15 और तथा विशेष केन्द्रीय कारा 10 बंदी छठ पर्व किया है। जेल प्रशासन इन व्रतियों के लिए कपड़े, छठ पूजन सामग्री, प्रसाद सहित अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध करा रहा है। छठ पर्व करने वालों में एक मुस्लिम कैदी भी शामिल है।

जेल के अंदर बने तालाब की सफाई करा दी गई है जहां व्रती गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को और शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे।

इसके अलावे गोपालगंज, बक्सर , मुंगेर जेल में भी कई कैदियों द्वारा छठ पर्व किये जाने की सूचना है। जेल विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक जेल में छठव्रती के किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसका जेल प्रशासन पूरा ख्याल रख रहा है। शुद्धता का पर्याय माने जाने इस पर्व में जेल में भी शुद्धता का ख्याल रखा जा रहा है।

इधर, मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में भी इस साल बड़ी संख्या में कैदी छठ व्रत की तैयारी में जुटे है। बताया जाता है कि इस साल 47 महिला के साथ-साथ 49 पुरुष छठ पर्व कर रहे हैं। छठ व्रत करने वालों में हिन्दू कैदियों के अलावा मुस्लिम समाज के तीन कैदी शामिल हैं।

जेल परिसर स्थित तालाब को चारों तरफ सजाया गया है। तालाब के किनारे रंग रोगन किया गया है तथा रोशनी की व्यवस्था की गई है। आकर्षक रंग-बिरंगी लाइट तालाब के किनारे लगाई गई है। जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने बताया कि इस बार जेल के अंदर महिलाओं से अधिक पुरुष बंदी लोक आस्था का महापर्व छठ कर रहे है। इसमें तीन मुस्लिम और एक सिख धर्म के मानने वाले हैं। उन्होंने बताया कि पर्व में उपयोग होने वाली सभी सामग्री छठ व्रत करने वाले बंदियों को उपलब्ध करा दी गई है।

उल्लेखनीय है कि चार दिनों के इस पर्व में व्रती मंगलवार को नहाय-खाय से व्रत की शुरुआत करेंगे। बुधवार को खरना किया जाएगा जबकि गुरुवार को अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर ’पारण’ करेंगे।

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