राजनीति: मल्लिकार्जुन खड़गे की याददाश्त कमजोर हो गई है आरपी सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद अब सियासत तेज हो गई है। इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की "याददाश्त कमजोर हो गई है"।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-02 15:55 GMT

नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद अब सियासत तेज हो गई है। इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की "याददाश्त कमजोर हो गई है"।

भाजपा नेता ने कहा, "मल्लिकार्जुन खड़गे शायद अपनी बात कर रहे हैं। एक तो वह बहुत देर से जागे हैं, यह बात याद दिलाने के लिए कि हम जो वादे करते हैं, उसे पूरा करते हैं। मुझे लगता है कि उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है। उनके नेता राहुल गांधी राजस्थान गए थे और वहां कहा था कि 10 दिन के अंदर हम किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, लेकिन 20 हजार से अधिक किसानों के खिलाफ कुर्की के वारंट निकाले गए। जब उन्होंने इसके विरोध में प्रदर्शन किया तो उन पर लाठीचार्ज किया गया। कांग्रेस के नेता हिमाचल में बोलकर आए थे, जो बागवानी करते हैं और सेब उगाते हैं, वह अपनी फसल की खुद कीमत तय करें, लेकिन आज तक इनमें से कुछ हुआ नहीं।"

उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में कई वादे किए थे, लेकिन अब वह उन वादों को वापस ले रहे हैं। जिन योजनाओं को उन्होंने राज्य में लागू किया, अब उन्हें भी वापस लिया जा रहा है। इन लोगों ने कर्नाटक में किए अपने वादों को इसलिए वापस ले लिया, क्योंकि इन्होंने जो वादे किए थे, उसको पूरा करते-करते राज्य में विकास के काम रुक गए हैं। पीएम मोदी ने जब-जब वादा किया, उसे पूरा किया है। चाहे लाडली बहन योजना हो या आयुष्मान योजना हो या फिर किसान सम्मान निधि, सभी योजनाओं को लागू करने का काम किया गया। हमें लोगों की चिंता है, इसलिए हम अपने सभी वादों को पूरा करते हैं, मगर कांग्रेस सिर्फ झूठे वादे करती है।"

भाजपा प्रवक्ता ने असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "ओवैसी साहब वक्फ बोर्ड और मंदिर ट्रस्ट में फर्क करना भूल गए हैं। वक्फ बोर्ड लैंड मैनेजमेंट का ट्रस्ट है, जबकि मंदिर आस्था के स्थल को मैनेज करती है। जब पूजा स्थल की बात होती तो इसमें हर धर्म के लोग होने चाहिए, जिनकी धर्म में आस्था हो, क्या वह ऐसी उम्मीद करते हैं कि किसी मस्जिद के अंदर जाकर कोई हिंदू व्यक्ति उसे मैनेज करे? यह तो मुमकिन नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा, "वक्फ बोर्ड में तो सीधे-सीधे जमीन का खेल है। क्या उनकी जमीन किसी गरीब, किसान के काम आ रही है, या फिर वक्फ की जमीन पर कोई स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी बन रही है। यह सब चिंता का विषय है। हिंदू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। औवेसी सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।"

आर.पी. सिंह ने कहा, "पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। वह इस बात की चिंता में है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्वक कैसे हो गया और एक नई सरकार कैसे बन गई, इसलिए वह टारगेट कर रहे हैं। मगर हमारी सेनाएं सतर्क हैं और आतंकवादियों को सही तरीके से जवाब दे रही हैं। अगर जरूरत पड़ी तो इसका कड़ा का जवाब दिया जाएगा।"

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