बॉलीवुड: हिमालय की खूबसूरती में डूबे नजर आए शेखर कपूर, बताया- खुद को कैसे करें अभिव्यक्त
हिंदी फिल्म जगत के सबसे सफल निर्देशकों में से एक शेखर कपूर का सोशल मीडिया अकाउंट उनकी खास तस्वीरों और वीडियोज से भरा रहता है। इस बीच निर्देशक ने इंस्टाग्राम पर हिमालय की खूबसूरती से फैंस को रूबरू कराया है।
मुंबई, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। हिंदी फिल्म जगत के सबसे सफल निर्देशकों में से एक शेखर कपूर का सोशल मीडिया अकाउंट उनकी खास तस्वीरों और वीडियोज से भरा रहता है। इस बीच निर्देशक ने इंस्टाग्राम पर हिमालय की खूबसूरती से फैंस को रूबरू कराया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का दीदार कराया। तस्वीर के साथ लिखा 'मुझे कहानियां सुनाना बहुत पसंद है और हिमालय से बेहतर और क्या हो सकता है।' 'खुद को पढ़ना तराशने की एक कला है। निर्देशक ने आगे लिखा हम सभी जन्मजात कहानीकार हैं। हमें बस खुद को खुलकर अभिव्यक्त करना चाहिए और इसमें संकोच नहीं करना चाहिए।
मिस्टर इंडिया और मासूम जैसी बेहद सफल फिल्मों के निर्देशक की पोस्ट को उनके प्रशंसक काफी पसंद कर रहे हैं। निर्देशक की पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा हिमालय को देखना कितना सुकून देने वाला है! एक अच्छा शिक्षक एक मैप की तरह होता है, जो आपको भटकने पर हमेशा सही राह दिखाता है। एक अन्य ने लिखा पढ़ना और कहानी सुनाना दोनों ही दरवाजे हैं। है न? और पहाड़ ही दरवाजे तक पहुंचने का रास्ता है। दूसरे ने लिखा अद्भुत तस्वीर! पहाड़ों पर चढ़ो और प्रकृति की शांति तुम्हारे भीतर वैसे ही प्रवाहित होगी जैसे धूप और पेड़ों में होती है। विश्वास हिमालय पर्वत की तरह है जो बदल नहीं सकता।
शेखर कपूर मासूम (1983) के निर्देशक थे। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, उर्मिला मातोंडकर, शबाना आजमी अहम रोल में थे। इसके बाद उन्होंने 1987 की मिस्टर इंडिया का निर्देशन किया, जिसमें अनिल कपूर, श्रीदेवी और सतीश कौशिक समेत कई कलाकार अहम रोल में नजर आए थे। फिल्म में अमरीश पुरी ने खलनायक मोगैम्बो की भूमिका निभाई थी।
कपूर ने 1994 में आई फिल्म बैंडिट क्वीन का निर्देशन किया था। इसके अलावा उन्होंने जोशीले का भी निर्देशन किया था, जिसमें सनी देओल, अनिल कपूर, श्रीदेवी और मीनाक्षी शेषाद्रि मुख्य भूमिका में थे। इसके साथ ही उन्होंने बरसात, दुश्मनी का भी निर्देशन किया। 2016 में कपूर ने माता अमृतानंदमयी देवी के नाम से प्रसिद्ध अम्मा पर डॉक्यूमेंट्री भी बनाई, जिसका नाम द साइंस ऑफ कम्पैशन है।
शेखर ने हॉलीवुड में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। 1998 में एलिजाबेथ और फिर 2007 में एलिजाबेथ द सीक्वल को भी काफी पसंद किया गया।
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