राजनीति: जेल में बंद रहने के बावजूद भी केजरीवाल ने नहीं दिया था सीएम पद से इस्तीफा सुधांशु त्रिवेदी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पद से इस्तीफा देने के ऐलान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-15 13:33 GMT

नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पद से इस्तीफा देने के ऐलान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाए।

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "आप लोगों को पता होना चाहिए कि तिहाड़ जेल दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। केजरीवाल के साथ उनके दो मंत्री भी तिहाड़ जेल में बंद थे यानी दो वजीर और एक वजीर-ए-आजम, अपनी ही जेल में बंद थे। इसके बावजूद उन्होंने अपना पद छोड़ना उचित नहीं समझा।"

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "मैं साफ कर देना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी भ्रम और झूठ का प्रचार करती है। केजरीवाल कहते हैं कि वह गैर भाजपा शासित राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में जेल में बंद थे। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि करुणानिधी, मधु कोड़ा और शिबू सोरेन भी सीएम पद पर रहते हुए जेल में बंद रहे हैं।"

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "अरविंद केजरीवाल देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित हैं कि आप कार्यालय नहीं जा सकते, फाइल पर साइन नहीं कर सकते, जिस मुद्दे में आप आरोपी हैं उस पर बयान नहीं दे सकते। भारत के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं होगा कि मुख्यमंत्री के रूप में ऐसे प्रतिबंध हो। फिर भी इनको 48 घंटे किस चीज के लिए चाहिए? वो कौन सा निजी काम है?"

उन्होंने कहा, "जब केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान किया तो हम ये कह सकते हैं कि यह उनके जुर्म का इकबालिया बयान हो गया। मतलब आपने मान लिया कि आप पर जो आरोप हैं, वो इस लायक हैं कि आप इस पद पर नहीं रह सकते।"

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "भारत की राजनीति की सबसे नई नवेली पार्टी के अजब और अलबेले किरदार स्वघोषित कट्टर ईमानदार और पूरी तरह दागदार रहकर जेल से बाहर आकर स्वागत धुंआधार करवा रहे हैं। इन्होंने नई राजनीति की जो नजीर पेश की है, उसकी तुलना भारत की राजनीति में नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने जेल में ही रहकर सत्तालोलुपता की एक नई नजीर देश के सामने रखी।"

उन्होंने आगे कहा, "जेल से बाहर आकर जिस प्रकार से आतिशबाजी हुई, अपनी ही सरकार के जेल से बाहर आकर अपने ही सरकार के बनाए गए नियम को तोड़ने वाले भी, वह इस देश के पहले मुख्यमंत्री हैं।"

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