संस्कृति: महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव का जबरदस्त नजारा, सीएम शिंदे ने भी फोड़ी मटकी
महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। बोरीवली में देवीपाड़ा मैदान पर तारामती चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से दही हांडी उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हुए।
बोरीवली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। बोरीवली में देवीपाड़ा मैदान पर तारामती चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से दही हांडी उत्सव का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शामिल हुए।
दही हांडी की प्रतियोगिता करवाने वाली समितियां अपने यहां कई फिल्मी हस्तियों को भी आमंत्रित करती हैं। इस त्योहार की चमक-दमक इन्हीं कारणों से और भी बढ़ जाती है। इस त्योहार की लोकप्रियता को देखते हुए राजनेता भी आयोजनों में शरीक होते हैं।
इसी क्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सहित कई नेता दही हांडी उत्सव में शामिल होते रहे हैं।
सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने हाथों से दही हांडी फोड़ी और गोविंदा को एक खेल का दर्जा दिया गया। उन्होंने बताया कि गोविंदा पथक के लिए हमने इंश्योरेंस भी किया है। हमारी सरकार ने खेल को एक नया रूप दिया है।
महाराष्ट्र से काफी लोगों ने खेल में जीतकर देश का नाम रोशन किया है। इस दौरान विधायक प्रकाश सुर्वे बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर, भाग्यश्री पटवर्धन, और लावणी सम्राज्ञी गौतमी पाटील मौजूद रहे।
बता दें कि सरकार दही हांडी प्रतियोगिता में शामिल होने वाले लोगों को 10 लाख रुपये का बीमा कवर भी प्रदान करती है। इसके अलावा अगर किसी गोविंदा की जान चली जाती है, तो परिवार को 10 लाख रुपये का बीमा दिया जाएगा। वहीं, किसी गोविंदा को गंभीर चोट लगने पर सरकार 7 लाख रुपये और फ्रैक्चर होने पर 5 लाख रुपये सरकार की तरफ से मदद की जाती है।
विधायक प्रकाश सुर्वे हर साल बड़े स्तर पर दही हंडी उत्सव का आयोजन करते हैं। इस उत्सव में 9 स्तरीय मानव पिरामिड बनाने वाली गोविंदा टीम को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
वहीं दही हांडी के पौराणिक महत्व की बात करें तो यह प्रकरण भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से जुड़ा हुआ है। भगवान कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था। वो घरों में चुपके से घुसकर अपनी मित्र मंडली के साथ सारा माखन चट कर जाते थे। इसी वजह से कृष्ण को माखन चोर कहकर भी बुलाया जाता है। दही हांडी का कार्यक्रम मुरलीधर की इसी लीला को समर्पित है।
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