राजनीति: दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों ने एलजी समेत अन्य पर जमकर बोला हमला
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली के एलजी और अन्य पर जमकर भड़ास निकाली। आप के विधायकों ने सत्र के दौरान अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।
नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा में सोमवार को सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली के एलजी और अन्य पर जमकर भड़ास निकाली। आप के विधायकों ने सत्र के दौरान अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।
विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने अधिकारियों पर एलजी के साथ मिलकर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। दिल्ली के अस्पतालों में दवा और जांच की कमी को मुद्दा बनाते हुए उन्होंने अफसर पर एलजी के साथ मिलीभगत कर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया है। वहीं, दिल्ली के विधायक राजेश गुप्ता ने केंद्र की भाजपा सरकार पर मोहल्ला क्लीनिक बंद करवाने का षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने एलजी पर भड़ास निकालते हुए कहा, "वी.के. सक्सेना कह रहे हैं कि जेल से सरकार नहीं चलने देंगे। हम जेल से सरकार चलाकर देश को एक नया मॉडल देंगे, हम झुकने वाले नहीं हैं। हिम्मत है तो दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाएं।"
विधायक मोहिंदर गोयल ने स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ केजरीवाल की गिरफ्तारी का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जनता की भलाई का काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। केजरीवाल अगला प्रधानमंत्री बन सकते हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार करवा लिया गया।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक सोची-समझी साजिश के तहत दिल्ली के अस्पतालों, डिस्पेंसरी और मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयों की किल्लत पैदा की जा रही है। दिल्ली के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी (सीपीए) द्वारा दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए सीपीए द्वारा टेंडर जारी किया जाता है और आप सभी को जानकर बेहद हैरानी होगी कि 2023 में सीपीए द्वारा जो टेंडर जारी किया गया, उसे एक साल तक फाइनल नहीं किया गया, जबकि उस टेंडर के लिए कंपनियों की ओर से बिड भी आई थी, उसके बावजूद उस टेंडर को जानबूझकर एक साल तक रोका गया। इस कारण उस टेंडर की एक साल की वैधता खत्म हो गई और अब उस टेंडर को मार्च में दोबारा जारी किया गया है।
उन्होंने कहा, "सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि जब सीपीए का टेंडर फाइनल ही नहीं होगा तो अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध ही नहीं होगी। इस संबंध में भी मैंने लिखित रूप में निर्देश जारी किया कि जो भी अधिकारी इस टेंडर के पूर्ण न होने के लिए दोषी हैं, उन सभी लोगों की जानकारी मुझे उपलब्ध कराई जाए, परंतु अभी तक उन दोषी अधिकारियों की या जिम्मेदार लोगों की सूची मुझे उपलब्ध नहीं कराई गई है।"
मंत्री भारद्वाज ने कहा कि यदि सीपीए द्वारा दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं, तब एक और तरीका है लोकल परचेज। उन्होंने कहा, "इस संबंध में मैंने 1 मार्च 2024 को सभी अस्पतालों के एमएस और एमडी की एक बैठक बुलाई, इसके बाद 11 मार्च 2024 को इन सभी अधिकारियों की दूसरी बैठक बुलाई। बैठक में आए अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ इस प्रकार के सर्कुलर निकाले गए हैं कि अब लोकल परचेज द्वारा या लोकल रेट कॉन्ट्रैक्ट द्वारा भी अस्पताल दवाइयां नहीं खरीद पा रहा है। सभी अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है। इन सभी बातों से साबित होता है कि एक सोची-समझी साजिश के तहत दिल्ली के अस्पतालों में आपातकाल की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है।"
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