राष्ट्रीय: इंडिया गठबंधन को झटका, जयंत चौधरी की पार्टी एनडीए में शामिल

लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत सिंह ने एनडीए में शामिल होने का फैसला कर लिया है। बीते कई दिनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ जा सकती है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-12 14:52 GMT

नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत सिंह ने एनडीए में शामिल होने का फैसला कर लिया है। बीते कई दिनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ जा सकती है।

सोमवार को जयंत सिंह ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए मीडिया से कहा कि पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया।

एनडीए में शामिल होने पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा, "मैंने अपनी पार्टी के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बातचीत की है, उसके बाद यह फैसला लिया। इस फैसले के पीछे कोई बड़ी प्लानिंग नहीं थी, या बहुत समय से यही सोचे बैठे हो, हमें बहुत कम समय में ही यह फैसला लेना पड़ा, परिस्थितियों के कारण यह फैसला लेना पड़ा, हम लोगों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं।"

जयंत सिंह चौधरी ने आगे कहा कि जब भारत रत्न से नवाजा गया है, हम सबका मन प्रफुल्लित है, बहुत बड़ा सम्मान सिर्फ हमारे परिवार के लिए ही नहीं, हमारे दल तक सीमित नहीं है, देश के हर कोने में किसान विराजमान है, नौजवान और गरीब का सम्मान है।

इससे पहले जयंत ने मोदी सरकार द्वारा पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान दिए जाने पर खुशी जाहिर की थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था, ''दिल जीत लिया।''

बता दें कि 9 फरवरी को पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया था।

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।''

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