राजनीति: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा पत्र, मणिपुर संकट पर राजनीति को लेकर उठाए सवाल

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे गए पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। नड्डा ने खड़गे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि मणिपुर संकट पर कांग्रेस राजनीति कर रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-22 04:05 GMT

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे गए पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। नड्डा ने खड़गे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि मणिपुर संकट पर कांग्रेस राजनीति कर रही है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को नमस्कार करते हुए लिखा कि इस साल की शुरुआत में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर बात कर रहे थे, तब आपने और आपकी पार्टी ने जिस तरीके से सदन से बाहर निकलकर इस गंभीर मुद्दे को अनदेखा किया, वह मेरे लिए हैरान करने वाला था। अब जब आपने मणिपुर पर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, तो यह देखकर अच्छा लगा कि आपकी पार्टी ने भारतीय संविधान के सर्वोच्च पद और उस पर आसीन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

नड्डा ने कांग्रेस पर मणिपुर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में कांग्रेस सरकारों की विफलताओं की याद दिलाई, खासकर 1990 के दशक और यूपीए शासनकाल के दौरान। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों की विफलताओं का परिणाम मणिपुर में आज भी देखा जा रहा है। पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र ने हर क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव देखा है। चाहे वह आर्थिक विकास हो, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा या विकास के अवसरों की पहुंच। मणिपुर सहित पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति का अनुभव हो रहा है, जो स्वतंत्रता के बाद पहली बार हो रहा है।

उन्होंने कांग्रेस पर मणिपुर की समस्याओं का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने मणिपुर में 90 के दशक में हिंसा और अस्थिरता के दौर को जन्म दिया था। 2011 में मणिपुर में 120 दिनों तक पूरी तरह से आंतरिक नाकेबंदी थी। पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें देश के बाकी हिस्सों से चार गुना अधिक थीं और हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा था। उस समय कांग्रेस सरकार ने केंद्र में इस मुद्दे को उठाने की भी कोशिश नहीं की, जबकि राज्य प्रशासन हजारों फर्जी मुठभेड़ों में शामिल था। इसके विपरीत, बीजेपी सरकार ने मणिपुर में हिंसा की पहली घटना के बाद स्थिति को संभालने के लिए त्वरित कदम उठाए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने मिलकर हिंसा की स्थिति को तुरंत नियंत्रित करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य किया।

जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर मणिपुर में विदेशी उग्रवादियों की अवैध आप्रवासन को वैध बनाने और उनके साथ समझौतों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार ने भारतीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और विदेशी उग्रवादियों के साथ समझौते किए। यही कारण है कि मणिपुर और अन्य क्षेत्रों में हिंसक उग्रवादी संगठन शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।

नड्डा ने अपने पत्र के अंत में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत के प्रगति को रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह रणनीति देश की प्रगति को रोकने की एक गहरी साजिश का हिस्सा हो सकती है और हमें यह जानने का अधिकार है कि यह क्यों और कैसे हो रहा है।

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