अंतरराष्ट्रीय: पाकिस्तान का लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब की प्रांतीय राजधानी लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। शनिवार सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे इलाके में कई सप्ताह से जारी गंभीर वायु गुणवत्ता और धुंध की स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद है।
लाहौर, 23 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब की प्रांतीय राजधानी लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। शनिवार सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे इलाके में कई सप्ताह से जारी गंभीर वायु गुणवत्ता और धुंध की स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार बूंदाबांदी से कोई बड़ी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। लाहौर का अधिकतम 24 और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
पाकिस्तान मौसम विभाग ने कहा कि 'पूर्वी हवाएं पाकिस्तान में प्रदूषण लेकर आ रही हैं, जिससे धुंध बढ़ रही है। इसके कारण पहले से ही खराब वायु गुणवत्ता और भी खराब हो रही है।'
गुलबर्ग, फिरोजपुर रोड, कैनाल रोड, थोकर नियाज बेग और जोहर टाउन समेत शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर बनी हुई है।
'इंटरनेशनल एयर मॉनिटर' के अनुसार, लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 404 खतरनाक स्तर का दर्ज किया गया है, जबकि शहर के विभिन्न इलाकों का एक्यूआई गंभीर स्तर पर बना हुआ है।
आगे कहा गया है कि गुलबर्ग का एक्यूआई 529, एफसी कॉलेज का 495, वालेंसिया टाउन का 483, डिफेंस फेज 5 का 465, गार्डन टाउन का 433, वापडा टाउन का 412, फिरोजपुर रोड का 412, शिमला पहाड़ी का 404 और जोहर टाउन और टाउनशिप का 372 दर्ज किया गया।
पंजाब सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने और बाजारों के लिए समय में छूट देने की घोषणा की है। सरकार को लाहौर, मुल्तान, फैसलाबाद और गुजरांवाला सहित विभिन्न शहरों में प्रतिबंध फिर से लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। लगाए गए प्रतिबंधों के अनुसार, बेकरी और फार्मेसी को छोड़कर, सप्ताह के अंत में बाजारों को रात 8 बजे तक बंद करना होगा।
सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण ठंडी हवा में धूल, वाहनों के उत्सर्जन और किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण होता है, जिससे वायु की गुणवत्ता में भारी गिरावट आती है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त करते हुए नागरिकों से अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से बचने को कहा है। उनका कहना है कि हवा में हानिकारक रासायनिक पदार्थों की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा बताई गई सुरक्षा स्तरों से कम से कम 55 गुना अधिक है।
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