पर्यावरण: हीटवेव से झुलसा झारखंड, गढ़वा में 48 डिग्री और पलामू में 47.8 पर पहुंचा तापमान

हीटवेव से झुलस रहे झारखंड के ज्यादातर इलाकों में बुधवार को 40 से लेकर 48 डिग्री तक का अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है कि गुरुवार को भी उच्च तापमान और हीटवेव से राहत की उम्मीद नहीं है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-29 15:33 GMT

रांची, 29 मई (आईएएनएस)। हीटवेव से झुलस रहे झारखंड के ज्यादातर इलाकों में बुधवार को 40 से लेकर 48 डिग्री तक का अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। रांची स्थित मौसम केंद्र ने कहा है कि गुरुवार को भी उच्च तापमान और हीटवेव से राहत की उम्मीद नहीं है।

बुधवार को गढ़वा जिला मुख्यालय का अधिकतम तापमान राज्य में सबसे ज्यादा 48 डिग्री दर्ज किया गया है। पलामू का तापमान 47.8 डिग्री रहा। बताया गया है कि एक दशक में इन जिलों में यह सर्वाधिक तापमान है।

जमशेदपुर, सरायकेला, बोकारो, चतरा, गिरिडीह और रामगढ़ जिले का अधिकतम तापमान 45 डिग्री या उससे ज्यादा रहा। करीब तीन दशक पहले तक पूर्वी भारत के हिल स्टेशनों में गिने जाने वाले रांची में भी अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज किया गया। साहिबगंज बुधवार को राज्य के बाकी जिलों की तुलना में कम गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री मापा गया है।

मौसम विभाग ने गढ़वा और पलामू में अगले 24 घंटों में भीषण हीटवेव जारी रहने की संभावना व्यक्त की है। रांची, चतरा, गिरिडीह, जमशेदपुर, सरायकेला, बोकारो, रामगढ़ और जमशेदपुर शहर के लोगों को भी हीटवेव को लेकर अलर्ट किया गया है। मौसम केंद्र ने इन इलाकों के लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। जरूरी न होने पर दिन के 11 से 4 बजे तक घरों से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। 31 मई और एक जून को राज्य के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।

रांची और संताल परगना के इलाकों में हल्की बारिश के साथ गर्जन और वज्रपात हो सकता है। इन दो दिनों में पुरवइया हवा चलने से लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है। अस्पताल में भी हीट स्ट्रोक से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ी है।

रांची स्थित सीसीएल गांधीनगर हॉस्पिटल के डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि हीट स्ट्रोक के जोखिम से बचे रहने के लिए उच्च तापमान के संपर्क में आने से बचना चाहिए। डिहाइड्रेशन के जोखिमों को कम करने के लिए खूब पानी पीते रहना जरूरी है। गंभीर स्थितियों में इसके जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

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