राजनीति: कांग्रेस के लिए ‘खतरा’ बनेंगे उनके पुराने साथी, निर्दलीय के तौर पर भरे पर्चे
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 12 सितंबर को आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। हालांकि, कांग्रेस में बगावत देखने को मिली जो पार्टी के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस ने कई पूर्व विधायकों और वरिष्ठ नेताओं का टिकट काट दिया। टिकट न मिलने से नाराज नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 12 सितंबर को आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के अलावा विभिन्न क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। हालांकि, कांग्रेस में बगावत देखने को मिली जो पार्टी के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस ने कई पूर्व विधायकों और वरिष्ठ नेताओं का टिकट काट दिया। टिकट न मिलने से नाराज नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
तिगांव विधानसभा से पूर्व में विधायक रहे ललित नागर ने वहां से साल 2014 में मोदी लहर के बीच भी जीत दर्ज की थी। भाजपा के राजेश नागर महज कुछ वोट से हार गये थे। ललित नागर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उन्हें पार्टी ने साल 2019 में विधानसभा का दोबारा टिकट दिया लेकिन वह राजेश नागर से हार गये।
इस सीट से कांग्रेस ने ललित नागर को तीसरी बार टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह रोहित नागर को टिकट दिया गया है। टिकट नहीं मिलने पर ललित नागर भावुक हो गए। कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोलते हुए उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया।
ललित नागर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "तिगांव की दिन-रात सेवा, बेहतरी और विकास के लिए, आज जनता के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दर्ज किया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके भरपूर आशीर्वाद, समर्थन और स्नेह के साथ हम सब यह चुनाव प्रचंड मतों से जीतकर तिगांव में विकास का नया अध्याय लिखेंगे।"
एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, "तिगांव के विकास के लिए मैं कांग्रेस पार्टी के साथ पूर्ण समर्पण से 15 वर्ष से लगातार मेहनत करता रहा, लेकिन जब तिगांव विधानसभा के विकास की बारी आई तो कांग्रेस ने मेरी पीठ पर खंजर घोप दिया और एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया जिसे कोई जानता ही नहीं लेकिन तिगांव की जनता हार मानने वालों में से नहीं हैं। आज मुझे तिगांव विधानसभा की महापंचायत ने सर्व सहमति से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए जीत का आर्शीवाद दिया।"
कांग्रेस में बगावत के सुर पूर्व विधायक शारदा राठौर ने भी छेड़ दिये हैं। वह कांग्रेस की टिकट पर पूर्व में बल्लभगढ़ विधानसभा से विधायक रही हैं। लेकिन, इस बार कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। शारदा राठौर ने निर्दलीय तौर पर नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस ने यहां से पराग शर्मा को टिकट दिया है।
वहीं, टिकट नहीं मिलने से नलवा में कांग्रेस नेता संपत सिंह ने भी अपने तेवर दिखा दिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई।
वहीं, पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता उपेन्द्र कौर अहलूवालिया ने भी कांग्रेस के खिलाफ बगावत के सुर दिखाए। कांग्रेस ने उप्रेंद्र कौर अहलूवालिया की जगह चंद्रमोहन को टिकट दिया। भिवानी के बवानीखेड़ा से कांग्रेस ने प्रदीप नरवाल का टिकट दिया है। यहां से टिकट की उम्मीद लगाए मास्टर सतबीर रतेरा को झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।
अंबाला कैंट से टिकट काटे जाने के बाद पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस ने चित्रा को टिकट नहीं दिया। कांग्रेस ने यहां से परिमल परी को टिकट दिया है।
पानीपत शहरी सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद रोहिता रेवाड़ी ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
वहीं, पानीपत ग्रामीण से टिकट नहीं मिलने पर विजय जैन ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए।
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