राजनीति: कृषि को लेकर केंद्र की 6 प्राथमिकताएं, जल्द मिलेंगे 109 नए बीज केंद्रीय कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कृषि को लेकर केंद्र सरकार की छह प्राथमिकताएं हैं। सबसे पहले है उत्पादन बढ़ाना। नंबर दो पर उत्पादन की लागत घटाना है। तीसरा उत्पादन के ठीक दाम देना और नंबर चार प्राकृतिक आपदा के समय ठीक राहत राशि देना है। नंबर पांच पर कृषि का विवधिकरण है व खेती में वैल्यू एडिशन है। छठे नंबर पर आने वाली पीढियों के लिए भी धरती सुरक्षित रहे, इसके लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कृषि को लेकर केंद्र सरकार की छह प्राथमिकताएं हैं। सबसे पहले है उत्पादन बढ़ाना। नंबर दो पर उत्पादन की लागत घटाना है। तीसरा उत्पादन के ठीक दाम देना और नंबर चार प्राकृतिक आपदा के समय ठीक राहत राशि देना है। नंबर पांच पर कृषि का विवधिकरण है व खेती में वैल्यू एडिशन है। छठे नंबर पर आने वाली पीढियों के लिए भी धरती सुरक्षित रहे, इसके लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास है।
राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुविचारित तरीके से भारतीय जनता पार्टी, एनडीए की सरकार कृषि का रोड मैप बनाकर काम कर रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि सदन में विपक्ष द्वारा कहा गया कि कृषि का बजट कम कर दिया गया, लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि कृषि के लिए बजट आवंटन 2013-14 में केवल 27,663 करोड़ रुपया था। 2024-25 में यह बढ़कर 1,32,470 करोड़ रूपया हो गया। यह केवल कृषि विभाग का बजट है। यदि कृषि से संबंधित विभागों को जोड़ दिया जाए, फर्टिलाइजर की सब्सिडी भी जोड़ दी जाए तो 1,75,446.55 करोड रुपए और जुडे़गा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अभी इसमें सिंचाई का बजट नहीं जोड़ा गया है। जल शक्ति मंत्रालय अलग है। यदि उत्पादकता बढ़ानी है तो पहली प्राथमिकता होगी किसानों के सूखे खेत में पानी पहुंचाना। कृषि मंत्री ने सदन को बताया, "आज मैं कहना चाहता हूं कि सिंचाई की व्यवस्था में वर्षों तक कांग्रेस सरकार रही है। कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। इसके अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश में ही देखा जाए तो कांग्रेस, राजा, नवाब, अंग्रेज सबने मिलकर 7.5 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की। लेकिन, जब हमारी सरकार आई तो हमने उसे बढ़ाकर 47.5 लाख हेक्टेयर किया। इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर करने पर हमारा काम चल रहा है।"
केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि मैं बताना चाहता हूं, सिंचाई के अच्छे प्रयत्नों के कारण आईसीएआर ने उत्तम बीज बनाए हैं। हम 109 नए बीजों की क्वालिटी जारी करने वाले हैं। उपज बढ़ानी है तो उत्तम बाज चाहिए, जलवायु अनुकूल बीज चाहिए। बेहतर सिंचाई चाहिए और 10 साल से मोदी जी के नेतृत्व में यह हो रहा है। आप देखेंगे 2023-24 में खाद्यान्न का उत्पादन 329 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यदि हम बागवानी देखें तो 23-24 में बागवानी का उत्पादन 352 मिलियन टन तक पहुंच गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि हम यहां रुकेंगे नहीं, पहले दलहन-तिलहन का उत्पादन प्राथमिकता नहीं थी। आज हमें कहते हुए गर्व है कि दलहन और तिलहन के क्षेत्र में भी तेजी से काम हो रहा है और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। हम देश के करोड़ों किसानों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सस्ती खाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार देती रहेगी। 2004-5 से 13-14 तक 6 लाख 29 हजार मीट्रिक टन दलहन खरीदा गया। लेकिन, यह सरकार है, जिसने वर्ष 2014-15 से 23-24 तक 1 करोड़ 70 लाख मीट्रिक टन दलहन खरीदा। मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सरकार किसानों को समर्थन देना जारी रखेगी।
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