राजनीति: झारखंड विधानसभा में आठ घंटे से धरने पर बैठे भाजपा विधायकों को देर रात मार्शलों ने निकाला

झारखंड विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी धरने पर बैठे भाजपा के विधायकों को अंततः रात करीब साढ़े दस बजे स्पीकर के आदेश पर मार्शलों द्वारा सदन से निकाल गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-31 18:43 GMT

रांची, 31 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी धरने पर बैठे भाजपा के विधायकों को अंततः रात करीब साढ़े दस बजे स्पीकर के आदेश पर मार्शलों द्वारा सदन से निकाल गया।

मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक युवाओं की नौकरी और अनुबंध पर काम करने वालों के स्थायीकरण जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री से तत्काल जवाब मांगते हुए दोपहर ढाई बजे से धरने पर बैठे थे। सीएम हेमंत सोरेन भी शाम 6.20 पर उन्हें मनाने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने धरना समाप्त करने से इनकार कर दिया था।

रात 10.30 बजे के करीब दर्जनों मार्शल्स सदन के अंदर पहुंचे और एक-एक विधायक को उठाकर सदन के बाहर पहुंचाया। हालांकि सदन से बाहर किए जाने के बाद भाजपा विधायक विधानसभा के कॉरिडोर में धरने पर बैठ गए हैं।

सदन की कार्यवाही में बुधवार को जब ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिए जा रहे थे, तब नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने युवाओं की नौकरी, अनुबंध पर काम करने वालों से जुड़ा विषय उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने युवाओं, शिक्षकों, होमगार्ड, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, अराजपत्रित कर्मचारियों सहित विभिन्न वर्गों से जो वादे किए थे, उन्हें भूला दिया गया है।

वे सीधे मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल जवाब की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि यह मौजूदा विधानसभा का आखिरी सत्र है और मुख्यमंत्री सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सबसे अंत में जवाब देंगे तो विपक्ष को वस्तुस्थिति और अपना पक्ष रखने का वक्त नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री जवाब नहीं देते, वे सदन में डटे रहेंगे।

नेता प्रतिपक्ष के इस ऐलान के बाद भाजपा के विधायक अपने साथ लाया विशाल बैनर लहराते हुए सदन के वेल में पहुंच गए। इस पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने गहरी नाराजगी जताई और सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं प्रतिपक्ष के व्यवहार से आहत होकर भारी मन से सदन स्थगित कर रहा हूं।"

सदन स्थगित होने के बाद भी भाजपा विधायक वेल में जमे रहे और सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे। बाद में सदन की बिजली काट कर एसी बंद कर दिया गया। अंधेरे में सदन में धरना दे रहे कई विधायकों ने सोशल मीडिया पर लाइव कर हेमंत सोरेन सरकार पर अत्याचार का आरोप लगाया।

आखिरकार देर रात मार्शलों ने सभी विधायकों को बाहर निकाला। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है। हमारी मांग स्पष्ट है : राज्य के युवाओं और अनुबंध कर्मियों से झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार ने जो वादा किया था और उन पर जो अन्याय हो रहा है, राज्य के मुख्यमंत्री उस पर जवाब दें। इस दमनकारी सरकार के द्वारा मार्शल आउट करना, बिजली, पानी, वेंटीलेशन व्यवस्था बंद कर देने से कुछ नहीं होगा! महिला विधायक गण, वरिष्ठ साथी गण सभी एकजुट होकर राज्य के युवाओं और अनुबंध कर्मियों के हक और अधिकार की लड़ाई में संकल्पित है। झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार हमारे इरादों और संकल्पों को कभी नहीं तोड़ पाएगी!’

विधायकों की मांग के समर्थन में शाम सात बजे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा गेट पर पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया। इन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लेकर बस से दूसरी जगह पहुंचा दिया।

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