समाज: कृष्ण जन्मभूमि मामले में सर्वे पर रोक रहेगी जारी, सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई अक्टूबर में
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर से शुरू होने वाले सप्ताह में निर्धारित करने का निर्णय लिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि तब तक के लिए सर्वे पर रोक जारी रहेगी।
नई दिल्ली, 9 अगस्त, (आईएएनएस)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर से शुरू होने वाले सप्ताह में निर्धारित करने का निर्णय लिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि तब तक के लिए सर्वे पर रोक जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी मुद्दों को एक साथ सुना जाएगा और इसके लिए विशेष सुनवाई आयोजित की जाएगी।
सार्थक चतुर्वेदी, जो कि हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हैं, ने बताया कि यह मामला संवेदनशील और महत्वपूर्ण है, इसलिए न्यायालय इसे गंभीरता से ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 12 अगस्त को होगी, जहां हिंदू पक्ष अपनी मांगें पेश करेगा।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सर्वे पर लगी रोक जल्द ही हटेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि जब सर्वे होगा, तो ऐतिहासिक तथ्यों का सही पता चलेगा और भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर सही अधिकार स्थापित होगा। पांडे ने यह भी कहा कि कानूनी प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी पहलुओं पर विस्तार से सुनवाई करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में 12 अगस्त को होने वाली सुनवाई में वे अपनी मांगें रखेंगी।
मामले की जटिलता और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए अदालत का यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सभी संबंधित पक्षों को अब आगामी सुनवाई का इंतजार है, जहां वे अपनी दलीलें पेश करेंगे और न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
हिंदू पक्ष की तरफ से ये मुकदमे शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर जमीन का कब्जा देने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर हैं। यह विवाद मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है। माना जाता है कि जिसका निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया।
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