राजनीति: अमित शाह का सौगत रॉय पर कटाक्ष, कहा- पश्चिम बंगाल मॉडल दूसरे राज्य के लिए अपनाने लायक नहीं
संसद के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है। इस दौरान टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने लोकसभा में पश्चिम बंगाल में वामपंथी उग्रवाद का जिक्र किया। उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि ममता सरकार ने राज्य में काफी हद तक वामपंथी उग्रवाद को कंट्रोल किया है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। संसद के बजट सत्र की कार्यवाही जारी है। इस दौरान टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने लोकसभा में पश्चिम बंगाल में वामपंथी उग्रवाद का जिक्र किया। उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि ममता सरकार ने राज्य में काफी हद तक वामपंथी उग्रवाद को कंट्रोल किया है।
सौगत रॉय ने कहा, “पश्चिम बंगाल में वामपंथी उग्रवाद हुआ, लेकिन ममता सरकार ने राज्य में इसे कंट्रोल करने का काम किया। राज्य में ट्राइबल को नौकरी दी गई। जिससे वामपंथी उग्रवाद अब वहां बंद हो गया है।”
उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में पहले इस तरह की घटनाएं खूब होती थीं, लेकिन ममता बनर्जी सरकार की कोशिशों से अब बंगाल ने इस पर लगाम कस ली है। उन्होंने ममता सरकार के पश्चिम बंगाल मॉडल की तारीफ की।
उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि क्या केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए किए गए पश्चिम बंगाल के प्रयासों की स्टडी करेगी ताकि ये मॉडल अन्य राज्यों में अपनाए जाएं, जिसे वो छत्तीसगढ़ समेत कई जगहों पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं।
सौगत रॉय के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कोई राज्य अच्छा करे तो उसके उदाहरण को पूरे देश में लागू करने में नरेंद्र मोदी सरकार को कोई परहेज नही है। लेकिन, मैं मानता हूं कोई राज्य नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल वहां अपनाया जाए।”
संसद के दोनों सदनों में कई और मुद्दों पर सदस्यों ने अपना पक्ष रखा।
इससे पहले लोकसभा में मंगलवार को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बम के कारण मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और पीड़ित लोगों को याद किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज से 79 वर्ष पूर्व 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को क्रमशः हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप हजारों व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी और लाखों लोग घायल हुए थे या जीवन भर के लिए अपंग हो गए थे। इस घटना ने पहली बार मानवता का परमाणु बम की विभीषिका से परिचय कराया था।
उन्होंने कहा, इस घटना के इतने वर्षों बाद भी हिरोशिमा और नागासाकी के निवासी परमाणु विकिरण के खतरनाक दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं।
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