Gender Sensitization: AGC ने जेंडर सेंसिटाइजेशन विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया
यह समाज में महिलाओं, पुरुषों और अन्य लैंगिक समूहों के प्रति समानता, सम्मान और समझ विकसित करने पर केंद्रित है।
लैंगिक संवेदनशीलता (Gender Sensitization) का अर्थ है व्यक्तियों को लैंगिक असमानताओं और उनके प्रभावों के प्रति जागरूक बनाना। यह समाज में महिलाओं, पुरुषों और अन्य लैंगिक समूहों के प्रति समानता, सम्मान और समझ विकसित करने पर केंद्रित है। लैंगिक संवेदनशीलता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को उनके अधिकार, अवसर और गरिमा के साथ समान रूप से व्यवहार किया जाए, चाहे उनका लिंग कोई भी हो। यह केवल महिलाओं के प्रति सहानुभूति तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में लैंगिक भेदभाव, पूर्वाग्रह और असमानता को समाप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और दृष्टिकोण विकसित करने का एक प्रयास है। लैंगिक संवेदनशीलता का ज्ञान छात्रों के लिए बेहद आवश्यक है क्योंकि यह उन्हें सामाजिक असमानताओं को समझने और उनके समाधान की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है। लैंगिक संवेदनशीलता न केवल महिलाओं के प्रति सम्मान बढ़ाती है, बल्कि समाज में समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छात्रों को शिक्षित करना और उन्हें इस विषय पर जागरूक करना आज की शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बन गया है, ताकि वे बेहतर नागरिक बन सकें।
एजीसी की महिला सशक्तिकरण की पहल
अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजे (AGC) के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ द्वारा 19 नवंबर, 2024 को जेंडर सेंसिटाइजेशन (लैंगिक संवेदनशीलता) विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों के बीच लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना था। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया और समाज में लैंगिक समानता की महत्ता को उजागर किया। प्रतियोगिता में बी.एससी फैशन डिजाइनिंग (B.Sc. FD) की अनमोलप्रीत कौर ने पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरा स्थान सुखमनप्रीत कौर (B.Sc. FD) ने और तीसरा स्थान डमनी (HMCT) ने हासिल किया। इन विजेताओं को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत, एजीसी ने पहले भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इनमें महिला अधिकार जागरूकता कार्यशालाएं, साइबर सुरक्षा पर सेमिनार, और स्वास्थ्य व स्वच्छता पर सत्र शामिल हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को न केवल महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूक किया गया है, बल्कि उन्हें समाज में समानता और न्याय के लिए प्रेरित भी किया गया है।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता ने छात्रों को अपनी रचनात्मकता दिखाने और सामाजिक मुद्दों पर विचार व्यक्त करने का मंच प्रदान किया। एजीसी द्वारा आयोजित इस प्रकार के आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए छात्रों को तैयार करने की दिशा में एक सराहनीय कदम हैं। लैंगिक संवेदनशीलता जैसे विषयों पर चर्चा और जागरूकता केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाले समय के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। एजीसी का यह प्रयास शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के संगम का उदाहरण प्रस्तुत करता है।