अपराध: नोएडा में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी, शेयर बाजार में निवेश के नाम पर साफ किए 9 करोड़ रुपये
शेयर बाजार में निवेश करने पर करोड़ों का मुनाफा होने की बात कहकर साइबर जालसाजों ने नोएडा के एक व्यक्ति से 9 करोड़ 9 लाख रुपए की ठगी कर ली। ऐप डाउनलोड कराकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है।
नोएडा, 1 जून (आईएएनएस)। शेयर बाजार में निवेश करने पर करोड़ों का मुनाफा होने की बात कहकर साइबर जालसाजों ने नोएडा के एक व्यक्ति से 9 करोड़ 9 लाख रुपए की ठगी कर ली। ऐप डाउनलोड कराकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है।
कुल 13 बार में ठगों ने पीड़ित से रकम ट्रांसफर कराई। किसी एक व्यक्ति के साथ शेयर ट्रेडिंग में यह शहर में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी बताई जा रही है।
ठगी रजत बोथरा नाम के व्यक्ति के साथ हुई है, जो नोएडा के सेक्टर- 40 में रहते हैं। साइबर थाने में यह मामला दर्ज हो चुका है और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
साइबर ठगी से पीड़ित रजत बोथरा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि 28 अप्रैल को उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड किया गया। उस ग्रुप में शेयर ट्रेडिंग के मुनाफे के बारे में बताया जाता था और एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करने और कई स्टेप्स फॉलो करने के बाद उनके मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड हो गया। ऐप का नाम जीएफएसएल सिक्योरिटीज ऑफिशियल स्टॉक सी 80 था।
ऐप में शेयर मार्केट में होने वाले मुनाफे के बारे में बताया गया था, जिसके बाद राजीव बोथरा ने अपने खाते से 9.09 करोड़ ट्रांसफर कर दिये। राजीव ने ये रकम कुल तेरह बार में ट्रांसफर की।
ट्रांसफर के दौरान राजीव ने कई बार बीच में ही पैसे को विथड्रॉ करने की कोशिश की, लेकिन पैसा नहीं निकल पाया। जिस ऐप के जरिए राजीव ने ये इन्वेस्टमेंट की वो एप्लीकेशन पैसे निकालने की अनुमति नहीं दे रहा था। इसके बाद राजीव को शक हुआ। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
राजीव ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि उन्हें जब शक हुआ कि उनको साइबर ठगों द्वारा फर्जी वेबसाइट लिंक और एप्लीकेशन तैयार कर शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर ठग लिया गया है, तो उन्होंने पैसे विथड्रॉ करने की कोशिश की, लेकिन एप्लीकेशन ने परमिशन नहीं दी।
राजीव ने 29 मई को एनसीआरपी पोर्टल पर घटना की शिकायत भी दर्ज करा दी। इसके बाद पुलिस ने देखा कि यह मामला काफी बड़ा है तो उन्हें बुलाकर एफआईआर दर्ज की गई।
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और कोशिश की जा रही है कि उन सभी बैंक अकाउंट को फ्रीज किया जाए जिसमें यह पैसा ट्रांसफर हुआ है।
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