राजनीति: हरियाणा बहादुरगढ़ में 'स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड' ने 2.5 करोड़ का जुर्माना वसूला

हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 'स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड' ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। इसके अंतर्गत बहादुरगढ़ में 2 करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूल करते हुए 41 फैक्ट्रियों को सील किया गया। पूरे मामले को लेकर हरियाणा के 'स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड' के असिस्टेंट एनवायरमेंट इंजीनियर ने आईएएनएस से बात की।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 17:22 GMT

बहादुरगढ़, 27 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 'स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड' ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। इसके अंतर्गत बहादुरगढ़ में 2 करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूल करते हुए 41 फैक्ट्रियों को सील किया गया। पूरे मामले को लेकर हरियाणा के 'स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड' के असिस्टेंट एनवायरमेंट इंजीनियर ने आईएएनएस से बात की।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बोर्ड की तरफ से बहादुरगढ़ में बड़ी कार्रवाई हुई है। बहादुरगढ़ में बोर्ड की तरफ अब तक करीब 2 करोड़ 50 लाख रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है। यह जुर्माना प्रदूषण फैलाने वाले सरकारी विभागों, निजी संस्थाओं और फैक्ट्री पर लगाया गया है।

हरियाणा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के असिस्टेंट एनवायरमेंटल इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि बहादुरगढ़ क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली 41 फैक्ट्री को सील किया गया है। इन फैक्ट्रियों में अवैध रूप से प्लास्टिक बनाने का काम भी होता था। ग्रेप नियम लगने के बाद डीजल जनरेटर इस्तेमाल करने वाले 50 से ज्यादा निजी संस्थाओं के भी चालान काटे गए हैं। इसके अलावा 75 से अधिक कंस्ट्रक्शन साइटों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें से 30 से ज्यादा पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को भी यहां का एक्यूआई स्तर 300 से अधिक दर्ज किया गया। झज्जर जिले के डीसी और प्रदूषण कंट्रोल विभाग ने सरकारी विभागों को सड़कों पर पहले से चार गुना ज्यादा पानी के छिड़काव करने की हिदायत दी है।

उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर पराली जलाने से नहीं बल्कि टूटी हुई सड़कों से उठने वाली धूल, कंस्ट्रक्शन साईट्स से होने वाले प्रदूषण और दिन-रात जहरीला धुआं छोड़ रही विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियों से हो रहा है। इसके कारण वातावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 पार्टिकल्स की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है, जो आम लोगों की परेशानी का सबब बनी हुई है। लोगों की आंखों में जलन, आंखें लाल होना जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है और उनको सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हो रही है।

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