राजनीति: प्रयागराज महाकुंभ पहले से विराट और भव्य होगा सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को पेहोवा स्थित डेरा सिद्ध बाबा गरीबनाथ मठ में आयोजित आठमान, बत्तीस धुनी व शंखाढाल भंडारा कार्यक्रम में उपस्थित हुए। उन्होंने देशभर से पधारे संतों और भक्तजनों को संबोधित किया। उन्होंने सभी को प्रयागराज महाकुंभ में आमंत्रित करते हुए कहा कि सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन पिछले सभी कुंभों से ज्यादा विराट और भव्य होगा।
कुरुक्षेत्र, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को पेहोवा स्थित डेरा सिद्ध बाबा गरीबनाथ मठ में आयोजित आठमान, बत्तीस धुनी व शंखाढाल भंडारा कार्यक्रम में उपस्थित हुए। उन्होंने देशभर से पधारे संतों और भक्तजनों को संबोधित किया। उन्होंने सभी को प्रयागराज महाकुंभ में आमंत्रित करते हुए कहा कि सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन पिछले सभी कुंभों से ज्यादा विराट और भव्य होगा।
सीएम योगी ने कार्यक्रम में शामिल हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को विधानसभा चुनाव में जीत की बधाई भी दी। उन्होंने प्रदेश की जनता का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणावासियों ने प्रदेश में डबल इंजन की सरकार को फिर से चुनकर भगवान श्रीकृष्ण के उद्घोष 'परित्राणाय साधुनाम, विनाशाय च दुष्कृताम' को सिद्ध करके दिखा दिया है। हरियाणा वालों ने दिखा दिया है कि जनता का जनार्दन रूप कैसा होता है। सज्जन शक्ति का संरक्षण और दुर्जन शक्ति को रसातल में पहुंचाना ही परम कर्तव्य है।
उन्होंने धर्म के दो हेतुओं अभ्युदय और नि:श्रेयस की चर्चा करते हुए कहा कि अभ्युदय का पालन किए बिना नि:श्रेयस की प्राप्ति संभव नहीं है। धर्म के दो हेतु हैं, पहला है अभ्युदय का और दूसरा नि:श्रेयस का। अभ्युदय का अर्थ सांसारिक उत्कर्ष है, जिसमें हम अपने सामर्थ्य के अनुसार अपनी ऊर्जा को लोककल्याण के साथ जोड़ते हैं। इसके लिए हमें सही फैसला लेना होगा। धार्मिक क्षेत्र में अच्छे संत चाहिए होंगे। विकास के लिए सही लोग चुनने होंगे। अच्छे लोगों को चुनेंगे तो परिणाम भी अच्छा आएगा। हरियाणा के लोगों ने अच्छा फैसला किया है। ये भगवान श्रीकृष्ण के कर्मयोग की धरा है। जिन लोगों ने बुरा किया उनका परिणाम भी बुरा ही होगा। दूसरा हेतु है नि:श्रेयस का। एक योगी या सद्गृहस्थ अपने अभ्युदय को विस्मृत करके कभी नि:श्रेयस की प्राप्ति नहीं कर सकता। जब सांसारिक उत्कर्ष के लिए निष्काम भाव से काम करेंगे तो परिणाम हमें इसी रूप में देखने को मिलेगा। ये इस लोक में विकास के साथ लोकमंगल की कामनाओं की सिद्धि का आधार तो तय करेगा ही, इसके बाद वह हमारी मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। यही धर्म की दो कामनाएं हैं। इन्हीं कामनाओं को लेकर प्राचीन काल से संतों का समागम होते रहे हैं। समय-समय पर इस धरा धाम को उपकृत करने वाले दैवीय महापुरुषों के माध्यम से जो विशिष्ट घटनाएं घटित हुईं, वही हमारे पर्व और त्योहार बन गए।
उन्होंने अपना संस्मरण सुनाते हुए जूनागढ़ में गुरुगोरखनाथ आश्रम के पूज्य गुरु श्रीत्रिलोकनाथ बाबू जी के भजन का उल्लेख करते हुए कहा कि 'संत हैं सुहागी, रहते सदा मगन, जाते हैं जिस लोक में करते सदा चमन'। सीएम योगी ने कहा कि पेहोवा के इस स्थल से अवतारी योगी सत्यनाथ जी की परंपरा को पूरे देश में विस्तार मिला। मगर, पिछली चार पीढ़ियों से यहां की स्थिति ठीक नहीं थी। मगर, ये प्रसन्नता का विषय है कि महंत शेरनाथ जी ने न केवल पेहोवा, बल्कि मुजफ्फरनगर और शामली के उजड़े हुए पवित्र स्थानों में 'चमन' लाकर और सिद्धों की भावनाओं को मूर्तरूप देकर भक्तों के मन में नया विश्वास जागृत किया है। चार पीढ़ी से पतन की ओर जा रही ये पावन धरा एक योगी के आने के बाद उत्थान की ओर अग्रसर हुई है। यह नाथ संप्रदाय के एक सुप्रसिद्ध सिद्ध योगी गरीबनाथ जी की पावनधरा है।
सीएम योगी ने कहा कि ये आयोजन मां सरस्वती के तट पर हो रहा है। सरस्वती नदी को पुनर्जीवन देने का कार्य हरियाणा की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। अब संतों और आमजन की भी जिम्मेदारी है कि सभी इसके लिए सामूहिक प्रयास करें। जल की एक-एक बूंद को बचाने, जल की शुद्धि, वृक्षारोपण का कार्य, प्राकृतिक और गौ आधारित खेती इस नदी को पुनर्जीवन देने का आधार होगा। भारत की नदियों के प्रति हमें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करना होगा।
उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब पलायन नहीं होता। किसी योगेश्वर ने पलायन का नाम धर्म नहीं कहा। केरल में जन्म लेने वाले संन्यासी आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में जनजागरण और शास्त्रार्थ के माध्यम से चार पीठों की स्थापना का कार्य किया। आज देश उसी रूप में हम सबके सामने हमें देखने को मिल रहा है।
उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम का उल्लेख करते हुए बताया कि पहले वहां 10 श्रद्धालु भी एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते थे, मगर आज 50 हजार श्रद्धालु एक साथ जुट सकते हैं। इसी प्रकार अयोध्या में 500 साल बाद अपने भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम विराजमान हो चुके हैं। ऐसे ही 2025 का महाकुंभ भी पहले के सभी कुंभ से विराट और भव्य होगा। दुनिया के इस सबसे बड़े समागम में सनातन धर्म के पूज्य संतों की उपस्थिति होगी। सभी लोकों से जुड़े हुए देवी-देवता, पितृगण और पवित्र आत्माएं भी आएंगी। पूज्य संतों का सानिध्य हम सबको प्राप्त हो इसके लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सीएम योगी ने दीपावली पर्व की हरियाणावासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विरासत और विकास के अद्भुत संगम से ही 2047 में देश 'विकसित भारत' और दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनेगा।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|