जब परमाणु बम बनाने वाले ओपेनहाइमर को मिला था प्रधानमंत्री नेहरू से भारतीय नागरिकता का ऑफर, जानें क्या था उनका जवाब
ओपनहाइमर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हाल ही में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म 'ओपेनहाइमर' भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक तरफ दुनियाभर में लोग क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म की स्टोरी और पात्रों के अभिनय की जमकर तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर फिल्म के एक सीन को लेकर भारत में विवाद छिड़ गया है। दरअसल, कथित तौर पर कहा जा रहा है कि विवाद फिल्म में सेक्स सीन को लेकर है। जिसमें एक व्यक्ति को श्रीमद्भागवत का एक श्र्लोक पढ़ते हुए दिखाया गया है। जिस वजह से इस सीन को हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के तौर पर देखा जा रहा हैं। इसके अलावा, मूवी जिस पुस्तक पर आधारित है उसके को-राइटर का कहना है कि परमाणु बम के जनक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर का सन् 1954 में परमाणु हथियारों के विरुद्ध बयानों पर अपमानित होने के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से भारतीय नागरिकता का प्रस्ताव मिला था। बता दें कि, यह फिल्म क्वांटम भौतिक विज्ञानी पर बनी है।
लाइव हिंदुस्तान खबर के मुताबिक, किताब अमेरिकन प्रोमेथियस: द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर पुस्तक के को-राइटर काई बर्ड ने एचटी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "1954 में उनके (ओपेनहाइमर) अपमानित होने के बाद...नेहरू ने उन्हें भारत आने और नागरिक बनने की पेशकश की... लेकिन मुझे नहीं लगता कि ओपेनहाइमर ने इस (प्रस्ताव) पर गंभीरता से विचार किया था, क्योंकि वह एक गहरे अमेरिकी देशभक्त थे।"
ओपेनहाइमर पर लगाए गए कई आरोप
पुस्तक के राइटर काई बर्ड ने बताया कि ओपेनहाइमर की महान वैज्ञानिक सफर को नौ साल बाद उन्हें अदालत में लाकर आभासी सुनवाई के अंतर्गत उनकी सुरक्षा मंजूरी छीन ली गई। बर्ड का कहना था कि, रिपब्लिकन सीनेटर जोसेफ आर मैक्कार्थी ने ओपेनहाइमर पर सार्वजनिक रुप से धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और मुकदमा चलाने के लिए संदिग्ध तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। यह वहीं दौर था, जब अमेरिकी सरकार साम्यवाद का मुकाबला कर रही थी।
फासीवाद के भय से परमाणु बम का अविष्कार हुआ
बर्ड के अनुसार, ओपेनहाइमर को उस वक्त फासीवाद के उदय होने का भय था। जिसके कारण उन्होंने यहूदी शरणार्थियों को बचाने की सहायता के लिए धन दिया था। ओपेनहाइमर को भय था कि जर्मनी के भौतिक वैज्ञानिक हिटलर को परमाणु देने जा रहे हैं और यदि हिटलर द्वितीय विश्व युद्ध में जीतने में सफल हुआ तो दुनिया भर में फासीवाद की जीत हो जाएगी। इसी बात से चिंतित ओपेनहाइमर ने परमाणु बम का आविष्कार किया था।
हिरोशिमा और नागासाकी विस्फोटों पर मन था चिंतित
लाइव हिंदुस्तान खबर के मुताबिक, बर्ड ने कहा था कि परमाणु बम का हिरोशिमा और नागासाकी पर विस्फोट के बाद से ही ओपेनहाइमर का मन काफी चिंतित था। तब उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि " 1945 के वसंत तक, जर्मनी हार गया था। और उस वसंत में, कुछ भौतिकविदों और वैज्ञानिकों ने... गैजेट के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक आकस्मिक बैठक की, और पूछा कि हम सामूहिक विनाश के इस भयानक हथियारों को बनाने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं जब हम जानते हैं कि जर्मन हार गए हैं और हिटलर मर गया है और जापानी संभवत: बम परियोजना नहीं कर सकते हैं? "