दिल्ली जल संकट: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जल संकट को दूर करने के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल को दिए अहम निर्देश
- दिल्ली के जल संकट पर सुप्रीम सुनवाई
- अदालत ने हिमाचल-हरियाणा को दिए अहम निर्देश
- केजरीवाल सरकार ने एससी में दायर की थी याचिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के कई इलाके गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं। पानी की भारी किल्लत के बीच केजरीवल सरकार ने 31 मई को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। केजरीवाल सरकार ने शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर कर पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से अतिरिक्त पानी की मांग थी। आप सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार को सुनवाई की है। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को कल शुक्रवार (7 जून) से 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। वहीं कोर्ट ने हरियाणा सरकार को राज्य के क्षेत्र में पड़ने वाली नहर के जरिए दिल्ली तक पानी पहुंचाने में सहयोग करने का आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई सोमवार (10 जून) को होगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई में सभी राज्यों को प्रगति रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की बर्बादी पर रोक लगाने का भी आदेश दिया है।
हरियाणा के आपत्ति पर क्या बोला कोर्ट?
नहर के जरिए दिल्ली तक पानी पहुंचाने में मदद करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हरियाणा सरकार ने असहमति जताई। हरियाणा सरकार ने कोर्ट में कहा कि उनके पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि कितना पानी हिमाचल से हथिनीकुंड पहुंचा। इस पर कोर्ट ने कहा कि आदेश दिया जा चुका है और अब आपको सोमवार को मामले में हुई प्रगति के बारे में कोर्ट को बताना होगा। दरअसल, पानी हथिनीकुंड बैराज से होते हुए दिल्ली के वजीराबाद पहुंचता है। बता दें केजरीवाल सरकार ने याचिका में हरियाणा सरकार पर उसके हिस्से का पानी नहीं छोड़ने का आरोप लगाया था।
दिल्ली सरकार ने उठाए ये कदम
दिल्ली में पानी की कमी की गंभीरता को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने कई कदम उठाए हैं। जल संकट का सामना कर रहे इलाकों में केजरीवाल सरकार ने दो पालियों में ट्यूबवेल चलाने का फैसला लिया है। इसके अलावा प्रभावित इलाकों में पानी के टैंकर भी भेजे जा रहे हैं। पानी की बर्बादी करने पर दिल्ली सरकार 2 हजार रूपये का जुर्माना लगा रही है और कार धोने के लिए पीने लायक पानी का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया गया है।