Bihar Liquor Death: बिहार में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ा, तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कसा तंज
- तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कसा तंज
- 48 लोगों की हुई शराब पीने से मौत
- जहरीली शराब से मरने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के सिवान और छपरा में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक, अब तक जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 48 पहुंच गई है। जिस पर अब पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि राज्य में शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं, सीएम नीतीश कुमार सड़कों पर ठहाके लगा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर करते हुए 12 सवाल भी किए हैं।
सोशल मीडिया एक्स पर तेजस्वी यादव ने कहा, "जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंसते मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री! संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हंसना और हंसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद CM का ना मीडिया से संवाद, ना जनता से संवाद, ना पीड़ितों से संवाद!"
शराबबंदी पर सवाल
उन्होंने सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए एक लंबा नोट लिखा है। उन्होंने इसमें 12 सवाल भी किए हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप है। सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में हज़ार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में करोड़ लाख लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखायी जा रही है (एक ईमानदार वरीय पुलिस अधिकारी के अनुसार इसमें भी घपला है क्योंकि अवैध शराब की तस्करी के लिए पुलिस अधिकारी शराब पकड़ने/पकड़वाने का ढोंग रचते है। जैसे की ट्रक शराब के बिहार में घुसाने पर एक टूटा-फूटा ट्रक पकड़वाते है उसमें भी शराब की बजाय कुछ और द्रव्य पदार्थ होता है)।
तेजस्वी यादव के सवाल
अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी होशमंद है तो इन सवालों का जवाब दें।
. अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन?
. सरकारी गुलाबी फ़ाइलों के अनुसार अवैध शराब से मरने वालों की संख्या से अधिक है लेकिन हक़ीक़त इससे विपरीत है, अब तक हजारों लोगों की अवैध शराब के कारण मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है। इनका हत्यारा कौन और दोषी कौन? दोषियों पर क्या कारवाई हुई?
. क्या अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी/पुलिस अधीक्षक पर कभी कोई कारवाई हुई?
. अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है - जिला पार कर यहाँ तक शराब पहुंची है, तो फिर यह उन सभी - जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं?
. जानकारों के मुताबिक शराब माफिया मुख्यमंत्री से रिटायर्ड अधिकारी के मार्फ़त सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों के पदस्थापन में खुली बोली के अंतर्गत पोस्टिंग करवाता है अर्थात किस जिला में कौन अधिकारी जाएगा इसका चयन भी शराब माफिया ही करता है। क्या यह आरोप सही नहीं है?
. क्या यह सही नहीं है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अगस्त तक मद्यनिषेध विभाग की ओर से निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल . लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल . लाख लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।
. मुख्यमंत्री बतायें कि गिरफ्तार लोगों में अधिकांश गरीब व वंचित वर्गों से ही क्यों है?
. अब तक अथवा उससे ऊपर के स्तर के कितने अधिकारियों को सजा मिली? कितने बर्खास्त हुए?
. प्रतिदिन पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से करीब छापेमारी होती है उसके बावजूद भी शराब की अवैध तस्करी जारी है तो इसका दोषी कौन?
. क्या गृहमंत्री सह मुख्यमंत्री इसकी जिम्मेवारी लेंगे?
. क्या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता/कार्यकर्ता पकड़ाए जा रहे है?
. मुख्यमंत्री बतायें कि बिहार के हर चौक-चौराहों पर शराब के ठेके किसने खुलवाये?
Created On :   18 Oct 2024 5:23 PM IST