संक्रमण: पश्चिम बंगाल के 13 जिलों में बर्ड फ्लू के प्रकोप का आधिकारिक ऐलान
- बर्ड फ्लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है
- 2008 में पश्चिम बंगाल के मुर्गी पालकों को नुकसान
- बीमार पक्षियों के झड़ने लगते हैं पंख
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। देश में पिछले लगभग डेढ़ दशक से भी अधिक समय से बर्ड फ्लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है। साल 2008 में पश्चिम बंगाल के मुर्गी पालकों के लिए बर्ड फ्लू की बीमारी नुकसान का सबब बनी। राज्य के 13 जिलों में बर्ड फ्लू का प्रकोप होने से बड़ी संख्या में अंडे, चूजे, मुर्गे और अन्य पोल्ट्री पक्षियों को नष्ट कर दिया गया।
बीमारी की शुरूआत 16 जनवरी, 2008 को बीरभूम जिले से हुई और फिर देखते देखते तकरीबन आधा राज्य इस बीमारी की चपेट में आ गया। आधिकारिक तौर पर इस बीमारी के 13 जिलों में फैलने की जानकारी दी गई। इसमें पक्षियों के पंख झड़ने लगते हैं। उन्हें बुखार आने लगता है। वहीं इनका तापमान सामान्य से बहुत ज्यादा हो जाता है। इस रोग में पक्षियों के आंख गर्दन सिर के आसपास सूजन हो जाती है।
सरकारी समाचार एजेंसी भाषा से मिली जानाकारी के अुनुसार राज्य में बड़े पैमाने पर पोल्ट्री गतिविधियां और वातावरण में मौजूद नमी को बीमारी के तेजी से फैलने का कारण बताया गया। पक्षियों से इंसानों तक पहुंचने वाली इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पोल्ट्री उत्पादों को राज्य से बाहर ले जाने पर रोक लगा दी।
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