यशवंत सिन्हा ने BJP को अलविदा कहा , बोले- अब पार्टी पॉलिटिक्स से दूर रहूंगा
यशवंत सिन्हा ने BJP को अलविदा कहा , बोले- अब पार्टी पॉलिटिक्स से दूर रहूंगा
डिजिटल डेस्क, पटना। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। पटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ एसकेएम मेमोरियल हॉल में आयोजित राष्ट्रमंच के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, "मैं BJP के साथ अपने सभी संबंधों को समाप्त करता हूं। मैं BJP छोड़ रहा हूं, लेकिन अब कोई भी राजनीतिक दल नहीं ज्वाइन करूंगा।" यशवंत सिन्हा ने कहा कि, "देश का लोकतंत्र खतरे में है, और आज के समय में जो स्थिति बन गई है इसमें हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है। अगर हम एकजुट नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी भी माफ नहीं करेगी।" बता दें कि वे काफी लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे जिसके बाद उन्होंने आखिरकार यह फैसला लिया।
मेरा दिल देश के लिए धड़कता है
पटना में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में BJP नेता शत्रुघ्न सिन्हा के आलावा अन्य पार्टियों के नेताओं में RJD के तेजस्वी यादव, कांग्रेस से रेणुका चौधरी, आप पार्टी के संजय सिंह, आशुतोष और RLD से जयंत चौधरी उपस्थित हुए थे। यशवंत सिन्हा ने संसद का सत्र छोटा होने पर भी भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि, "सरकार ने जानबूझकर सत्र चलने नहीं दिया, गुजरात चुनाव के कारण भी सत्र को छोटा रखा गया।" उन्होंने इस दौरान लोकतंत्र को खतरे में डालने वालों को मटियामेट करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कार्यक्रम में आए शत्रुघ्न की चुटकी लेते हुए कहा कि, "पटना से मेरा लगाव शुरू से रहा है। मैंने यहां पढ़ाई की और नौकरी भी की। शत्रुघ्न सिन्हा घबराएं नहीं, मैं यहां से चुनाव नहीं लड़ूंगा। मेरा दिल देश के लिए धड़कता है।" उन्होंने कहा कि, मैंने चुनावी राजनीति से तो 4 साल पहले ही संन्यास ले लिया था और अब बाकी राजनीति से भी संन्यास का ऐलान करता हूं।
कैसा रहा सफर
1984 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए यशवंत सिन्हा ने, साल 1995 में बिहार विधानसभा का चुनाव रांची से लड़े, जिसे जीतने के बाद उन्हें बिहार विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया। उसके बाद हवाला काण्ड में उनका नाम आने के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद वे BJP बिहार इकाई अध्यक्ष बनाए गए। सिन्हा ने अधिकारी के रूप में कई अलग-अलग पदों पर काम किया। अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में वित्त मंत्री बनाए जाने से पहले, सिन्हा 1996 में पार्टी प्रवक्ता भी रहे, इसके अतिरिक्त उन्होंने विदेश मंत्रालय का काम भी संभाला। बता दें कि वर्तमान में यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में उड्डयन राज्य मंत्री का पद संभाल रहे हैं।