India-China face-off: घायल जवान ने परिवार को बताया, हम बिना हथियार के 300-400 आदमी थे, वो 2000 से 2500…
India-China face-off: घायल जवान ने परिवार को बताया, हम बिना हथियार के 300-400 आदमी थे, वो 2000 से 2500…
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गलवान वैली में चार दिन पहले चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के दौरान क्या भारतीय सैनिक निहत्थे थे? भारतीय विदेश मंत्रालय इसका जवाब दे चुका है लेकिन झड़प के दौरान वहां मौजूद एक सैनिक ने अपने परिवार को जो जानकारी दी है उससे विदेश मंत्रालय का दावा गलत साबित हो रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है। राजस्थान के रहने वाले जांबाज सैनिक सुरेन्द्र सिंह ने अपने परिवार को बताया कि झड़प वाली रात 300-400 भारतीय सैनिकों को अचानक 2000-2500 चीनी सैनिकों ने घेर लिया था। चीनी सैनिकों के पास रॉड, डंडे और पत्थर थे, जबकि भारतीय सैनिक निहत्थे थे।
हम 300-400 आदमी थे, वो 2000-2500 थे…
सुरेन्द्र सिंह ने उनके पिता बलवंत सिंह से कहा "कल 11-12 बजे की बात है अचानक मेरे पास फोन (सुरेंद्र सिंह) आया। मैंने हालचाल पूछा तो बताया कि ठीक हूं और अस्पताल में भर्ती हूं..लेह के आसपास। वहां हम 300-400 आदमी थे, वो 2000-2500 थे…उन्होंने अचानक रॉड, डंडे, पत्थर से हमला कर दिया, जबकि हमारे पास कुछ नहीं था। हम खाली हाथ थे। वहीं उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर को उन्होंने फोन कर बताया कि उनके पास रखी कृपाण से उन्होंने चीनी सैनिकों का मुकाबला किया। सिंह ने कृपाण से 3-4 चीनी सैनिकों को घायल कर दिया था और उनके पास मौजूद हथियारों को उनसे छुड़ा लिया। सुरेंद्र सिंह ने उनकी पत्नी से कहा कि अगर कृपाण नहीं होती तो चीनी सैनिक उन्हें जिंदा नहीं छोड़ते। सुरेन्द्र सिंह को इस झड़प में 10-12 टांके आए हैं।
राहुल गांधी ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है। राहुल ने कहा कि यह देखकर दुख हुआ कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के सीनियर अधिकारियों को पीएम को बचाने के लिए झूठ बोलना पड़ा। अपने झूठ के साथ हमारे शहीदों का अपमान मत करो। इससे पहले भी राहुल गांधी ने ट्वीट किए थे। एक ट्वीट में राहुल गांधी ने सवाल किया था कि हमारे जवान बिना हथियारों के शहीद होने के लिए क्यों भेज दिए गए? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? राहुल के ट्वीट का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। गलवान घाटी में भी एक भी भारतीय सैनिक निहत्था नहीं था। हर सैनिक के पास हथियार थे, लेकिन समझौतों के मुताबिक वहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया।
It’s sad to see senior GOI ministers reduced to lying in order to protect the PM.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 19, 2020
Don’t insult our martyrs with your lies.#BJPBetraysOurJawans pic.twitter.com/uwrmj1oxq1
एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा विवाद
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पांगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली। इसके बाद से चीन के सामानों का बॉयकॉट करने की मांग तेज हो गई है।