137वीं जयंती: जानिए कौन थे वीर सावरकर, PM मोदी समेत कई नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि
137वीं जयंती: जानिए कौन थे वीर सावरकर, PM मोदी समेत कई नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर की आज (28 मई) 137वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समेत कई राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, साहसी वीर सावरकर की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं। हम उन्हें उनकी बहादुरी, कई अन्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और सामाजिक सुधार पर जोर देने के लिए हमेशा याद करते रहेंगे। पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के पिछले एपिसोड का एक वीडियो क्लिप भी शेयर किया है, जिसमें सावरकर के संघर्ष और भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान को दर्शाया गया है।
On his Jayanti, I bow to the courageous Veer Savarkar. We remember him for his bravery, motivating several others to join the freedom struggle and emphasis on social reform. pic.twitter.com/o83mXmgp1S
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2020
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी सावरकर को याद करते हुए लिखा है, वीर सावरकर ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेकों यातनायें सहीं। देश के लिए इतने कष्ट सहने वाला विश्व में सावरकर जैसा शायद ही कोई हो। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी और मंदिरों में दलित समाज के प्रवेश के लिए संघर्ष किया। ऐसे महान राष्ट्रभक्त को नमन।
वीर सावरकर ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेकों यातनायें सहीं। देश के लिए इतने कष्ट सहने वाला विश्व में सावरकर जैसा शायद ही कोई हो।
— Amit Shah (@AmitShah) May 28, 2020
उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी और मंदिरों में दलित समाज के प्रवेश के लिए संघर्ष किया।
ऐसे महान राष्ट्रभक्त के चरणों में कोटि-कोटि नमन।
उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट कर कहा, महान राष्ट्रभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, समाज सुधारक, लेखक, कवि वीर सावरकर जी की जन्म जयंती के अवसर पर स्वातंत्र्य वीर के अनुकरणीय कृतित्व और व्यक्तित्व को विनम्र नमन करता हूं।
महान राष्ट्रभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, समाज सुधारक, लेखक, कवि वीर सावरकर जी की जन्म जयंती के अवसर पर स्वातंत्र्य वीर के अनुकरणीय कृतित्व और व्यक्तित्व को विनम्र नमन करता हूं। #VeerSavarkar pic.twitter.com/uZwRbVgNC2
— Vice President of India (@VPSecretariat) May 28, 2020
नासिक के भांगुर गांव में हुआ था जन्म
बता दें कि, 28 मई 1883 को नासिक के भांगुर गांव में एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सावरकर हिंदू राष्ट्र और अखंड भारत के अपने नजरिए के लिए जाने जाते हैं। उनके दो भाई और एक बहन थी। उन्होंने 1904 में एक क्रांतिकारी संगठन की स्थापना की थी जिसका नाम ‘अभिनव भारत’ रखा गया। आंदोलन के दौरान अंग्रेजों द्वारा नासिक जिले के कलेक्टर जैकसन की हत्या के लिए नासिक षडयंत्र काण्ड को लेकर सावरकर को 11 अप्रैल को काला पानी की सजा दी गई।
सावरकर का निधन 26 फरवरी 1966 को हुआ
भारत छोड़ो आंदोलन और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सावरकर हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। राजनेता और लेखक, सावरकर का नाम भारत छोड़ो आंदोलन का खुलकर विरोध करने के कारण उनके निधन के पांच दशक बाद भी विवाद खड़ा करता है। उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में सजा काटने के लिए भी जाना जाता है। विनायक दामोदर सावरकर का निधन 26 फरवरी 1966 को हुआ था।