पीएम केयर फंड में निधि जमा करने दबाव डाल रहे केंद्रीय मंत्रीः सावंत
पीएम केयर फंड में निधि जमा करने दबाव डाल रहे केंद्रीय मंत्रीः सावंत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री सहायता निधि में कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) निधि को जमा करने के लिए केंद्र सरकार द्व्रारा अनुमति न दिए जाने की प्रदेश कांग्रेस ने निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने सवाल किया है कि रातों-रात तैयार पीएम केयर फंड में सीएसआर की निधि जमा हो सकती है पर वर्षो से कार्यरत सीएम फंड में सीएसआर निधि क्यों नहीं जमा की जा सकती? सोमवार को सावंत ने कहा कि सभी राज्य सरकारों को सीएसआर निधि स्वीकार करने की तुरंत अनुमति मिलनी चाहिए।
सावंत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राज्य के राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात को पत्र लिख कर मांग कr है कि मुख्यमंत्री निधि मंल सीएसआर फंड जमा करने कि सुविधा के लिए केंद्र से आग्रह करें। राजस्व मंत्री थोरात को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता ने कहा है कि 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सीएसआर फंड के लिए केवल पीएम केयर फंड को अनुमति दिए जाने का विरोध किया गया था। इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने सीएम सहायता फंड को सीएसआर निधि स्वीकारने की अनुमति देने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर महाराष्ट्र की स्थति को देखते हुए केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के हक की निधि तुरंत देनी चाहिए थी। लेकिन अभी तक महाराष्ट्र को वह निधि मिली नहीं। केंद्र द्वारा महाराष्ट्र को दी गई मदद बहुत कम है। महाराष्ट्र को भरपूर आर्थिक मदद की जरुरत है।
राज्य सरकार यह कमी सीएसआर निधि से पूरी कर सकती है। सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र सहित देशभर के उद्योगपति राज्य की आर्थिक मदद करना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री सहायता निधि में दिया गया दान सीएसआर निधि के तहत नहीं आएगा, इस लिए उद्योगपति पीछे हो रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार के कई मंत्री उद्योगपतियों पर पीएम केयर फंड में निधि देने के लिए दबाव डाल रहे हैं। सांवंत ने कहा कि केंद्र सरकार के आपदा व्यवस्थापन कानून में राज्य आपदा निवारण निधि तो लेकर स्पष्टता नहीं है। राज्य आपदा निवारण निधि में सीएसआर के तहत केवल वस्तु स्वीकार करने की अनुमति है। लेकिन लॉकडाउन के चलते फिलहाल इस प्रावधान का कोई लाभ नहीं है।