पढ़ी लिखी लड़कियों को नसीहत देने के बयान पर चौतरफा घिरे केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर

नई दिल्ली पढ़ी लिखी लड़कियों को नसीहत देने के बयान पर चौतरफा घिरे केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-19 06:20 GMT
पढ़ी लिखी लड़कियों को नसीहत देने के बयान पर चौतरफा घिरे केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर
हाईलाइट
  • संकीर्ण सोच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रद्धा हत्याकांड के बाद से लिव इन रिलेशनशिप को लेकर देशभर में नई बहस छिड़ गई है।  अब सवाल ये उड़ता है कि चमक भरी दुनिया में क्या लड़कियों को ऐसे रिश्तों को अपनाना चाहिए ? एक  बड़ा सवाल ये भी पैदा होता है कि क्या ऐसी वारदात के लिए केवल लड़कियों को ही कसूरवार ठहराना सही हैं ?

एबीपी खबर के मुताबिक केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने पढ़ी – लिखी लड़कियों को सलाह दी है कि उनको अनपढ़ लड़कियों से सीखना चाहिए । पढ़ी – लिखी लड़कियां लिव – इन  में रहने के लिए मां – बाप को छोड़ देती है। मंत्री किशोर के मुताबिक ,ऐसी घटनाएं उन लड़कियों के साथ ज्यादा हो रही है जो पढ़ी – लिखी हैं और सोचती हैं कि वे बहुत खुले विचारों की हैं , अपने भविष्य के बारे में फैसला लेने में सक्षम है।  ऐसी लड़कियां लिव - इन में फंस जाती है।
 केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का कहना कुछ हद तक अगर सही  मान भी लिया जाए तो सवाल ये उठता कि आधुनिक समाज में अगर शिक्षित लड़कियां आर्थिक रुप से आत्म निर्भर हो रही है तो अपनी जिंदगी का फैसला लेने का हक क्यों नही है? उनका फैसला कितना सही है या गलत , इसका पैमाना समाज में घटने वाली दो – चार घटनाएं नहीं हो सकती है । जिस दिन समाज मे ये मानसिकता पनपने लगेगी , उस पल से  देश की आधी आबादी की आजादी छीनने की शुरुआत होने लगेगी,  ये मानसिकता समाज को सदियों पुरानी उसी रुढ़िवादी और दकियानूसी सोच की तरफ धकेल देगी, जहां स्त्री को महज दासी और उपभोग की वस्तु समझा जाता था।

 किसी एक वारदात के आधार पर पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बनकर खुद फैसले लेने वाली लड़कियों को लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली सभी लड़कियों को कसूरवार ठहराना गलत है । जाहिर है कि केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के इस बयान से बवाल होना तय था । शिव सेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे मुद्दा बनाया और ट्वीट में लिखा ,’’आश्चार्य है कि उन्होंने यह नहीं कही कि इस देश में जन्म लेने के लिए भी लड़कियां ही जिम्मेदार है ।   

 

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