समंदर में शान से उतरा देसी INS विक्रांत, कुछ ऐसा था नजारा

समंदर में शान से उतरा देसी INS विक्रांत, कुछ ऐसा था नजारा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-05 11:09 GMT
हाईलाइट
  • भारत में बना पहला विमानवाहक जहाज
  • समंदर में भारत ने दिखाई अपनी ताकत

भारत में बनने वाला पहला विमानवाहक जहाज INS विक्रांत जिसे IAS-1 के नाम से भी जाना जाता है उसका सी ट्रायल बुधवार को समंदर में शुरु हो गया है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा लड़ाकू जहाज है। भारतीय नौसेना ने इसे भारत के लिए गौरव की बात मानी और इस पल को एक ऐतिहासिक पल करार देते हुए कहा कि भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है  जो अपने ही देश में अत्याधुनिक विमानवाहक जहाज को तैयार करने की क्षमता रखता है। तो आईए जानते है INS विक्रांत के बारे में।

क्या है INS विक्रांत 

यह भारत में बना हुआ पहला विमानवाहक जहाज है। किसी भी देश का विमानवाहक जहाज उस देश की सबसे शक्तिशाली समुद्री शक्तियों में से एक होता है जो नौसेना की शक्ति को बढ़ाता है। समंदर की दुनिया में एयर क्राफ्ट कैरियर का होना बहुत जरुरी होता है। विमानवाहक जहाज समुद्र की दुनिया में देश की शक्ति और ताकत को दिखाता है। एक विमानवाहक जहाज पर युद्ध के लिए हर चीज होती है। और इसमें बड़ी शिपमेंट का भी इस्तेमाल कर सकते है। विमानवाहक के जरिए कीमती सामानों को भी पहुंचाया जाता है और कठिन परिस्थितियों से लड़ने के लिए विध्वंसक, मिसाइल क्रूजर, फ्रिगेट, पनडुब्बी और आपूर्ति जहाज भी मौजूद होते हैं। 

विक्रांत क्यों रखा गया नाम?

इस विमानवाहक जहाज का विक्रांत नाम ऐसे ही नहीx रखा गया है बल्कि इस नाम के पीछे भी एक वजह है। वो वजह यह है कि भारत के पास विक्रांत नाम का पहले भी एक एयरक्राफ्ट कैरियर था जिसे 1997 में रिटायर कर दिया था। 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में INS विक्रांत ने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। और अब दो दशक से भी ज्यादा समय बाद इसी नाम के नए विमानवाहक को नौसेना में शामिल किया जाएगा।

कितनी लागत से बना है विक्रांत?

नौसेना ने बुधवार को घोषणा कर बताया कि विक्रांत को एक साल से भी कम समय में भारतीय नौसेना में शामिल करने की योजना है। इसकी लागत की बात करें तो इस शक्तिशाली जहाज को बनाने में करीब 23,000 करोड़ रुपये लगाए गए हैं। 

कितना है विक्रांत का वजन

भारत में निर्मित विमानवाहक जहाज विक्रांत का वजन 40,000 टन है। और यह जहाज करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। बता दें कि इस विमानवाहक जाहज को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून में इस विमानवाहक जाहज की समीक्षा की थी। इस जहाज पर करीब 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई

 प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर विक्रांत को मेक इन इंडिया का एक नायाब नमूना बताया और इसके समुद्री परीक्षण के ऐतिहासिक मौके पर भारतीय नौसेना को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कल यानी बुधवार के दिन अपने एक ट्वीट के जरिए कहा कि भारतीय नौसेना द्वारा डिजायन किए गए और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वदेशी विमानवाहक जहाज विक्रांत ने आज अपना पहला समुद्री परीक्षण आरंभ किया। यह मेक इन इंडिया का नायाब नमूना है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को बधाई। 


 

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