अग्निपथ योजना मोदी सरकार के लिए आग पर चलने से कम नहीं, विपक्ष सहित छात्रों ने भी जताई नाराजगी, कई जगह हुआ विरोध प्रदर्शन
अग्निपथ योजना अग्निपथ योजना मोदी सरकार के लिए आग पर चलने से कम नहीं, विपक्ष सहित छात्रों ने भी जताई नाराजगी, कई जगह हुआ विरोध प्रदर्शन
- युवाओं की उम्र सीमा साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के होगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए एक नई स्कीम शुरू की है। जिसके तहत देश के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। इस नई स्कीम का नाम अग्निपथ है। अग्निपक्ष योजना के अंतर्गत सैनिकों की 4 साल के लिए भर्ती होगी, उन्हें अग्निवीर कहा जाएगा।
केंद्रीय कैबिनेट से इस योजना को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार के मंत्रियों समेत तीनों सेना के प्रमुख भी इस योजना की तारीफ कर रहे हैं। जबकि विपक्ष इसको लेकर सवाल खड़े कर रहा है। मोदी सरकार की इस स्कीम के विरोध में कुछ छात्र भी सड़कों पर उतर आए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ डिफेंस एक्सपर्ट भी इस योजना से खुश नहीं हैं।
जानें अग्निपथ योजना?
केंद्र सरकार ने पहली बार भारतीय सेना में इस तरह की योजना लॉन्च करने का फैसला किया है। जिसमें छोटे समय के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत हर साल करीब 40-50 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। इन युवाओं की उम्र सीमा साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के होगी। अग्निपथ में सैनिकों की भर्तियां मेरिट और मेडिकल पर आधारित होंगी। इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सैनिकों को 30-40 हजार रूपए मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाने की संभावना है।
इस योजना के तहत पहले साल तीस हजार, दूसरे साल तैंतीस हजार, तीसरे साल में 36,500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा। केंद्र सरकार के मुताबिक, चार साल बाद इन अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी। सेवा समाप्त होने के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कैडर में जगह दी जाएगी। अग्निपथ योजना को लेकर जहां केंद्र सरकार के कई मंत्री सरकार की पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल इसको लेकर हमलावर दिखे।
इसको लेकर हो रहा विरोध
जहां देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस योजना को मील का पत्थर बता रहे हैं, तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि इस तरह भर्तियां होने से सेना की क्षमता और कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। कांग्रेस ने ये भी सवाल किया है कि जो युवा इस भर्ती के तहत चार साल पूरा कर लेंगे। उनकी आगे का भविष्य का क्या होगा।
अग्निपथ स्कीम पर बयान जारी करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया है कि केंद्र सरकार की इस स्कीम पर मिलिट्री एक्सपर्ट से लेकर तीनों सेनाओं के टॉप अधिकारी तक सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा लोग ये भी कह रहे है कि मोदी सरकार ऐसा करके सेना की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस समेत कई विरोधी दलों ने इस योजना को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है।
सड़कों पर छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन
अग्निपथ योजना को लेकर देश के तमाम युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। बिहार के मुजफ्फरनगर और बक्सर में छात्र इस स्कीम के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। खबरों के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने ट्रेन भी रोकी है। युवाओं का कहना है कि 25 फीसदी अग्निवीरों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा। लेकिन अन्य 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा। उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी लेकिन नौकरी कहां से आएगी?