कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए पिता के बेटे ने दी देश के लिए शहादत, पुंछ हमले में शहीद जांबाज ने घर से निकलते समय बताई थी मां को ये बात

पिता के बाद बेटे ने भी दी शहादत कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए पिता के बेटे ने दी देश के लिए शहादत, पुंछ हमले में शहीद जांबाज ने घर से निकलते समय बताई थी मां को ये बात

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-22 08:42 GMT
कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए पिता के बेटे ने दी देश के लिए शहादत, पुंछ हमले में शहीद जांबाज ने घर से निकलते समय बताई थी मां को ये बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बीते गुरूवार (20 अप्रैल) को आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के ट्रक पर बम से हमला कर दिया था। जिसकी वजह से पांच जवान शहीद हो गए थे। इसी शहीद जवान में एक ऐसा जांबाज जवान भी मौजूद है जिनके पिता भी देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर चुके हैं।

दरअसल , जिस दिन सेना के वाहन पर आतंकी हमला हुआ था उस में पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले कुलवंत सिंह भी मौजूद थे। जिनकी आतंकी हमले में मौत हो गई थी। बता दें कि, इनके पिता भी कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन देश से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गए थे। साल 1999 के कारगिल युद्ध के द्वौरान कुलवंत सिंह के पिता बलदेव सिंह शहीद हो गए थे। पिता को देखकर ही कुलवंत सिंह ने सेना में जाने का निर्णय लिया था और उनकी शहादत के ग्यारह वर्ष बाद ही साल 2010 से सेना में अपनी सेवा देने लगे थे। लेकिन क्या पता था कि पिता की तरह वो भी देश के लिए अपना प्राण न्योछावर कर देंगे। 

मां से क्या कह कर निकले थे कुलंवत?

बेटे कुलवंत सिंह की शहदात पर मां ने बताया कि, जब सेना में शामिल होन के लिए मेरा बेटा घर से निकला तो उसने मुझसे कहा था कि उसे कुछ नहीं होगा और सब ठीक हो जाएगा। बेटे के चले जाने पर कुलवंत की मां बहुत ही परेशान है। बेटे से  पहले पति को खो चुकी एक मां सरकार से गुहार लगा रही है कि दहशतगर्दों को बख्शा नहीं जाए उन्हें मौत की सजा दी जाए।

कुलवंत सिंह की पत्नी ने क्या कहा?

कुलवंत सिंह के चले जाने पर पत्नी हरदीप कौर कहती हैं कि, "कुलवंत ने शहीद होने से एक दिन पहले फोन किया और कहा कि बेटे को समय पर वैक्सीनेशन लगवाया करना।" बता दें कि, कुलवंत सिंह के परिवार में उनकी मां, पत्नी, डेढ़ साल की बेटी और चार महीने का एक बेटा है।  कुलवंत सिंह अपने गांव का घर बनवाना चाहते थे जो मोगा जिले के अंदर ही आता है। जिसका नाम चाडित है। लेकिन उनकी ये ख्वाहिश अधूरी ही रह गई।

सरकार को मदद करनी चाहिए- सरपंच

कुलवंत का पूरा परिवार मोगा जिले के चाणिक गांव में ही रहता है। शहीद कुलंवत को लेकर गांव के सरपंच ने कहा कि, कुलवंत ही केवल परिवार में कमाने वाला शख्स था लेकिन आतंकियों ने उसकी जान ले ली। अब इस परिवार को कौन देखेगा? इसके लिए सरकार को हर तरह की मदद करनी चाहिए ताकि इनका भला हो सके।

पांच जवान हुए थे शहीद

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के बालाकोट से सेना के जवान इफ्तार पार्टी के लिए पुंछ जिले जा रहे थे। इसी बीच आंतकवादियों ने सेना की ट्रक पर बम से हमला कर दिया। हमला करते ही ट्रक आग की चपेट में आ गई। इसके अलावा आतंकियों ने चारों तरफ से सेना की वाहन को घेर कर तबाड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दी ताकि ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके। जिसका परिणाम रहा कि, भारतीय सेना के पांच जांबाज शहीद हो गए थे। 


 

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