शहरों का नाम बदलते बदलते योगी सरकार में बदल गए शायरों के भी नाम, शिक्षा आयोग की वेबसाइट ने मशहूर शायर को दी नई पहचान

अब शायरों के भी बदले नाम शहरों का नाम बदलते बदलते योगी सरकार में बदल गए शायरों के भी नाम, शिक्षा आयोग की वेबसाइट ने मशहूर शायर को दी नई पहचान

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-28 13:29 GMT
शहरों का नाम बदलते बदलते योगी सरकार में बदल गए शायरों के भी नाम, शिक्षा आयोग की वेबसाइट ने मशहूर शायर को दी नई पहचान
हाईलाइट
  • आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के 'About us' सेक्शन में बदला नाम

डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की प्रथा रुकने का नाम नहीं ले रही है। अभी तक तो यह शहरों और रेलवे स्टेशन तक ही सीमित थी। लेकिन अब इसके चलते मशहूर शायरों की भी पहचान बदली जा रही है। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद कई जिलों के नामों को बदला गया, इसी कड़ी में  इलाहाबाद का नाम भी बदलकर प्रयागराज कर दिया गया। 

लेकिन अब शहर के मशहूर शायर भी इससे नहीं बच पा रहे है। अब यूपी के शिक्षा आयोग ने कई मशहूर शायरों के नामों को बदलकर प्रयागराज के नाम पर कर दिया है, जिससे विवाद शुरू हो गया।  उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर "अकबर प्रयागराजी" कर दिया। 

इसके अलावा तेग इलाहाबादी का भी नया नाम तेग प्रयागराज और राशिद इलाहाबादी को राशिद प्रयागराज कर दिया गया। 

आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के "About us" सेक्शन में बदला नाम

आयोग की अंग्रेजी वेबसाइट के  "About us" सेक्शन में प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के अतीत और उससे जुड़ीं महत्वपूर्ण शख्सियतों के बारे में अहम जानकारियां दी गई हैं। "About us" कार्नर में प्रयागराज शहर के बारे में बताया गया है।

इसमें लिखा है, "प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक बहुत ही प्रसिद्ध जिला है जिसे प्रयाग के नाम से भी जाना जाता है। प्रयागराज में ही तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुन एवं सरस्वती का संगम भी होता है, जो हिन्दू पुराणों के अनुसार बहुत ही पवित्र माना जाता है। प्रदेश में इस शहर की जनसंख्य काफी अधिक है पर फिर भी प्रदेश की सबसे तीव्र गती से विकासशील शहरों में ये तीसरे नंबर पर है। क्योंकि अभी तक भारत के 15 में से सात प्रधानमंत्री इसी शहर से हुए हैं इसलिए इसे ‘भारत के प्रधानमंत्री की राजधानी’ भी कहा जाने लगा है। इसके अतिरक्त यहां पर प्रयागराज उच्च न्यायलय भी स्थित है जहां से पूरे उत्तर प्रदेश के सभी संबंधित न्यायिक कार्य होते हैं। वर्ष 1869 में इस न्यायलय की स्थापना की गई थी जो कि भारत के किसी प्रदेश का प्रथम उच्च न्यायलय था। इसके अतिरिक्त प्रयागराज को उसकी शिक्षा प्रणाली, संस्कृति एवं पर्यटन के लिए भी विश्व भर में जाना जाता है।" 

"About us में कई शख्शियतों का जिक्र भी 

इस सेक्शन के तीसरे पैरे में प्रयागराज की मशहूर हस्तियों का जिक्र किया गया है, जहां लिखा है- ""हिंदी साहित्य के अलावा, शहर में फारसी और उर्दू साहित्य का भी अध्ययन किया जाता रहा है। अकबर "प्रयागराजी" जोकि एक प्रसिद्ध आधुनिक उर्दू कवि थे, नूह नरवी, तेग "प्रयागराज", शबनम नकवी और राशिद "प्रयागराज" का ओरिजन भी प्रयागराज में ही हुआ।"" आयोग ने इलाहाबाद के नाम की जगह प्रयागराज और प्रयागराजी शब्दों का इस्तेमाल किया है। इस वजह से शायरों के नामों में बदलाव आ गया। 

हालांकि यह बदलाव सिर्फ अंग्रेजी वेबसाइट पर ही हुआ है, हिंदी वेबसाइट पर अभी भी उनके नाम को बदला नहीं गया है। यूपी हायर एजुकेशन सर्विस कमिशन की वेबसाइट पर कवियों और शायरों के नामों में बदलाव किए जाने की जानकारी सोशल मीडिया और विभिन्न रिपोर्ट्स के जरिए से कई घंटे पहले आ चुकी है, लेकिन अब तक नाम को बदला नहीं गया है।

हमारी ये खबर लिखे जाने तक उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर यही नाम लिखे नजर आए। 

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