खेल रत्न से हटा 'राजीव गांधी' का नाम, पीएम मोदी ने कहा- अब मेजर ध्यानचंद के नाम से खिलाड़ियों को मिलेगा सम्मान

खेल रत्न से हटा 'राजीव गांधी' का नाम, पीएम मोदी ने कहा- अब मेजर ध्यानचंद के नाम से खिलाड़ियों को मिलेगा सम्मान

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-06 07:08 GMT
खेल रत्न से हटा 'राजीव गांधी' का नाम, पीएम मोदी ने कहा- अब मेजर ध्यानचंद के नाम से खिलाड़ियों को मिलेगा सम्मान
हाईलाइट
  • खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा: प्रधानमंत्री मोदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम खेल रत्न पुरस्कार से हटा दिया है। सरकार ने इसे हॉकी के जादूगर मेचर ध्यानचंद के नाम पर रखने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक ट्ववीट में इस बात की जानकारी दी है। 

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए लोगों से अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा। 

बता दें कि खेल रत्न सम्मान को 1991-92 में शुरू किया गया था। तब इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। इस अवार्ड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता फैलाना है। साथ ही खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है, ताकि वह समाज में और ज्यादा सम्मान प्राप्त कर सकें।

केन्द्र सरकार के इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि मोदी सरकार देश में सिर्फ नाम बदलने की राजनीति पर काम कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश के लिए अपना बड़ा योगदान दिया था। उनके नाम को बदला जाना एक तरह से नहीं है। अगर सरकार को मेजर ध्यानचंद के लिए या हॉकी के लिए ही कुछ करना था तो खिलाड़ियों के लिए उनके नाम से कोई हितकारी योजना शुरू करती। किसी स्टेडियम का निर्माण करती। 

वहीं, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि मेजर ध्यानचंद या फिर सरदार पटेल। इन्होंने मन, वचन और कर्म से राष्ट्रसेवा की, राष्ट्र के गौरव में अतुलनीय वृद्धि भी की! मसला इनके सम्मान का नहीं, समस्या बीजेपी की बदनियति और श्रेय लूटने के निकृष्ट/निर्लज्ज इरादों से है! PM की अगुवाई में पनप रही, यह संकीर्ण सोच घातक है!

 

 

 

 

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