नीट विधेयक को फिर से पारित करने के लिए तमिलनाडु विधानसभा की बैठक 8 फरवरी को होगी

तमिलनाडु नीट विधेयक को फिर से पारित करने के लिए तमिलनाडु विधानसभा की बैठक 8 फरवरी को होगी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-06 08:31 GMT
नीट विधेयक को फिर से पारित करने के लिए तमिलनाडु विधानसभा की बैठक 8 फरवरी को होगी
हाईलाइट
  • नीट विधेयक पर राज्यपाल के विचारों पर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान चर्चा की जाएगी

डिजिटल डेस्क, चेन्नई । राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) से राज्य को छूट देने की मांग करने वाले विधेयक को पारित करने के लिए तमिलनाडु विधानसभा एक बार फिर 8 फरवरी को विशेष सत्र के रूप में बैठक करेगी। विधेयक को राज्यपाल आरएन रवि के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने पहले 13 सितंबर, 2021 को पारित विधेयक को 142 दिनों तक अपने पास रखने के बाद वापस कर दिया। दस दलों की बैठक में विधेयक को पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। पार्टियों में डीएमके, कांग्रेस, पीएमके, एमडीएमके, वीसीके, सीपीएम और सीपीआई शामिल थे, जबकि अन्नाद्रमुक, बीजेपी और पुरत्ची भारतम ने बैठक का बहिष्कार किया।

विधानसभा के विशेष सत्र के लिए दस दलों द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया कि केवल एनईईटी से छूट मिलने से मेडिकल प्रवेश पर राज्य सरकारों के अधिकार बहाल हो जाएंगे और गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के हितों की रक्षा होगी। नीट विधेयक पर राज्यपाल के विचारों पर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान चर्चा की जाएगी और इस मुद्दे पर उचित प्रतिक्रिया दी जाएगी।

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि तमिलनाडु के लोग राज्यपाल के इस सुझाव को कभी स्वीकार नहीं करेंगे, नीट विधेयक छात्रों के हितों के खिलाफ है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों के हितों के खिलाफ है। प्रस्ताव में कहा गया कि कानूनी विशेषज्ञों और निष्पक्ष लोगों ने इसे गलत करार दिया है और तमिलनाडु की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल को तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को तत्काल राष्ट्रपति को भेजना चाहिए। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल विधेयक को राष्ट्रपति को नहीं भेजकर अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 में तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल ने राज्य में प्रवेश परीक्षा प्राप्त करने के 87 दिनों के भीतर इसे समाप्त करने के लिए अपनी सहमति दी थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्यपाल ने विधेयक को 142 दिनों तक रोके रखा और वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए एमबीबीएस में प्रवेश शुरू होने के बाद ही इसे अध्यक्ष को लौटाया। इस बीच, अन्नाद्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने एक बयान में कहा कि पार्टी पहले भी नीट के खिलाफ थी और उसने वर्तमान में नीट का विरोध किया है और भविष्य में भी इसका विरोध करेगी।

 

(आईएएनएस)

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