क्लीनचिट मिलने के बाद फंसे अजित ! कांग्रेस-NCP-शिवसेना ने SC में दी चुनौती

क्लीनचिट मिलने के बाद फंसे अजित ! कांग्रेस-NCP-शिवसेना ने SC में दी चुनौती

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-26 04:22 GMT
क्लीनचिट मिलने के बाद फंसे अजित ! कांग्रेस-NCP-शिवसेना ने SC में दी चुनौती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की मुश्किलें कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है। सिंचाई घोटाले में क्लीनचिट मिलने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना ने एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट में दायर की गई अर्जी में तीनों दलों ने साझा तौर पर कहा, जब तक विधानसभा सदन में शक्ति परीक्षण नहीं हो जाता तब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के किसी भी नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगाई जाए। साथ ही एसीबी के सोमवार को जारी आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने सिंचाई घोटाले से संबंधित 3000 टेंडर जांच के घेरे में हैं। इनमें से 9 मामलों को सबूतों के अभाव में बंद कर दिया गया है। अभी तक जिन टेंडरों की जांच की गई है, उनमें एसीबी को अजित पवार के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के डीजी परमबीर सिंह ने बताया कि हम सिंचाई संबंधी शिकायतों में लगभग 3000 निविदाओं की जांच कर रहे हैं। यह जांच की नियमित प्रक्रिया हैं, जिसमें हम 9 मामले बंद कर रहे हैं और इसके अलावा चल रही अन्य जांच जारी रहेंगी जैसा कि वे पहले थीं।

70 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगे हैं
बता दें कि साल 2009 से लेकर 2014 तक अजित पवार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे थे। इसी दौरान अजित पवार पर 70 हजार करोड़ रुपए के  सिंचाई घोटाले का आरोप लगा था। इस घोटाले की जांच एसीबी कर रहा है। अब जब अजित पवार ने एनसीपी में बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली तो विरोधी दलों का दावा है कि अजित पवार ने भ्रष्टाचार केस की जांच से बचने के लिए यह कदम उठाया है।

सुरजेवाला ने कहा प्रजातंत्र का चीरहरण
वहीं, अजित पवार को क्लीनचिट मिलते ही कांग्रेस को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर। एक नाजायज सरकार द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुकदमे बंद करने का आदेश। खाएंगे और खिलाएंगे भी, क्योंकि ये ईमानदारी के लिए ‘जीरो टॉलरन्स’ वाली सरकार है। मोदी है तो मुमकिन है।

इन मामलों की जांच हुई बंद
•    गोडेगांव लघु सिंचाई योजना, मानोरा, वाशिम
•    पाचपहूर लघु सिंचाई योजना, झरीजामणी, यवतमाल
•    सपन नदी परियोजना, अचलपुर, अमरावती
•    पंढरी नदी परियोजना, बरुड, अमरावती
•    खडकपूर्णा परियोजना, देऊलगांव, बुलढाणा
•    कोहन लघु परियोजना, नेर, यवतमाल
•    वेवला परियोजना, बाभुलगांव, यवतमाल (मुख्य नहर 1 से 113)
•    वेवला परियोजनास बाभुलगांव, यवतमाल (मुख्य नगर 82 से 84)
•    वेवला परियोजना, बाभुलगांव, यवतमाल (डेहणी, उपसा सिंचाई फेज-2)

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