शिमला में नहीं पीने का पानी, पर्यटकों को हो रही परेशानी
शिमला में नहीं पीने का पानी, पर्यटकों को हो रही परेशानी
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में पिछले आठ दिनों से लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। आलम ये है कि लोग रात के वक्त भी पानी के लिए लाइन लगाकर खड़े हुए हैं। पानी की किल्लत के चलते लोग यहां पिछले पांच दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लगातार बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने पानी की राशनिंग शुरू कर दी है। पानी की कमी के चलते यहां के रहवासी तो परेशान हो ही रहे हैं साथ ही यहां छुट्टियां मनाने आ रहे पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
टूरिस्ट से लिया जा रहा पानी के लिए एक्स्ट्रा चार्ज
शिमला में पहली बार इतने बड़े लेवल पर पानी की कमी हुई है। जिसका सबसे ज्यादा असर यहां के टूरिस्ट्स के बीच देखा जा रहा है। पानी ना होने के चलते कई जगहों पर पर्यटकों को वापस जाने को कहा जा रहा है। यहां पर आए टूरिस्ट्स का कहना है कि यहां उनसे पानी के लिए एक्स्ट्रा चार्ज लिया जा रहा है। होटल संचालक भी इनसे रूड्ली बिहेव कर रहे हैं। 20 रुपए की मिनरल बॉटल का चार्ज यहां 42 से 45 रुपए के बीच लिया जा रहा है। जिससे पर्यटकों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।
Himachal Pradesh: Locals in Shimla held protest over acute water shortage in the area. pic.twitter.com/jFGajDJbpv
— ANI (@ANI) May 30, 2018
कोर्ट के आदेश, वीआईपी को न मिले सहूलियत
शिमला में पानी की इतनी किल्लत के चलते शिमला हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं कि मंत्री, विधायक, जज, पुलिस अफसरों या दूसरे वीआईपी लोगों के लिए पानी का कोई विशेष इंतजाम ना किया जाए, कोशिश की जाए कि सभी को पानी मिल सके। वहीं पानी न मिलने की वजह से शहर के लोग काफी गुस्से में हैं। लोग लगातार इसको लेकर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। जिसके चलते लोगों ने रविवार को सीएम जयराम ठाकुर के घर का घेराव भी किया था। जिसके बाद सीएम न आपात बैठक बुलाकर हालात पर कंट्रोल करने के आदेश दिए थे।
Shimla Municipal Corporation arranges water for residents as the city faces acute water shortage. #HimachalPradesh pic.twitter.com/EJJ2cWtg0Z
— ANI (@ANI) May 30, 2018
क्यों हो रही पानी की कमी ?
शिमला में पानी गुम्मा, गिरी, अश्विनी खाड, चुर्ता और सिओग से आता है। यहां से 65 मिलियन लीटर पानी हर दिन आता है, शिमला में हर दिन करीब 45 मिलियन लीटर पानी की खपत है लेकिन शहर को 35 मिलियन पानी ही मिल पा रहा है, क्योंकि बड़ी तादाद में पानी लोगों तक पहुंचते-पहुंचते बर्बाद हो जाता है। लोगों का कहना है यहां बहुत तेजी से निर्माणकार्य चल रहा है जिसमें भारी मात्रा में पानी की खपत होती है। जिसके चलते शिमला में पानी की कमी हो रही है।