गुड़िया हत्याकांड: सीबीआई ने मांगा समय, HC ने पूछा कितना टाइम लगेगा?
गुड़िया हत्याकांड: सीबीआई ने मांगा समय, HC ने पूछा कितना टाइम लगेगा?
डिजिटल डेस्क, शिमला। बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप और मर्डर केस में सीबीआई ने अब 6 नए बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। जिस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि सीबीआई इस मामले को सुलझाने के लिए और कितना समय लेगी। इस केस में जांच एजेंसी को अभी कुछ ब्लड सैंपल की रिपोर्ट मिलने का भी इंतजार है। एजेंसी ने रिपोर्ट जल्द उपलब्ध करवाने के लिए निदेशक एफ.एस.एल. से भी संपर्क किया है। सीबीआई को छानबीन के दौरान कुछ नए साक्ष्य हाथ लगे हैं। जिन पर आगे की जांच शुरू की गई है। बता दें कि गुड़िया केस में सीबीआई को छानबीन करते हुए करीब 6 महीने बीत चुके हैं। जिसके बाद भी वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। ऐसे में जांच एजेंसी ने इस मामले से जुड़े आरोपियों की सूचना देने के वालों को 10 लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।
इस संस्था ने भी लगाई गुहार
गुड़िया केस को लेकर लगातार उठाने वाली मदद सेवा संस्था के पदाधिकारियों ने भी बुधवार को कोर्ट से गुहार लगाई कि सीबीआई इस मामले में तेजी लाए। सीबीआई ने बुधवार को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी। जानकारी के अनुसार, सीबीआई की 3 अलग-अलग टीमें मामले की जांच में जुटी हुई हैं। ऐसे में देखना होगा कि इस बहुचर्चित रेप और मर्डर मिस्ट्री को लेकर सीबीआई क्या खुलासा करती है। बता दें कि बीती 4 जुलाई को महासू स्कूल से वापस लौटने के दौरान गुड़िया रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थी। जिसके बाद 6 जुलाई की सुबह उसका शव महासू के पास जंगल में पड़ा मिला था।
एक मदद सेवा संस्था की अध्यक्ष तनुजा थापटा ने कहा कि गुड़िया मामले में सीबीआई जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। थापटा ने कहा कि सीबीआई मामले की जांच गंभीरता से नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े आरोपी क्या अंडरवर्ल्ड के डॉन हैं, जिनका पता नहीं लग रहा है। बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए।
कोर्ट ने कहा ज्यादा समय ले रही सीबीआई
स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि इस मामले को सुलझाने में जांच एजेंसी जरूरत से ज्यादा समय ले रही है। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मामला एक ब्लाइंड मर्डर केस है, इसलिए इस मामले की जांच अधिकांश वैज्ञानिक विश्लेषण पर निर्भर है। इस मामले में प्रदेश पुलिस ने भी राजू समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या हो गई थी, जिसका आरोप भी राजू पर लगा था। इसके बाद मामला सीबीआई को चला गया था और उसकी जांच में एसआईटी से आठ अफसर व कर्मचारी सूरज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे।
डीएनए जांच के लिए 173 लोगों के भेजे गए सैंपल
अब इस मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होनी है। इस केस में पहले पकड़े गए सभी आरोपी फिलहाल बेल पर हैं। सीबीआईने कोर्ट को बताया कि जांच साइंटिफिक एविडेंस पर निर्भर है। यहां से डीएनए जांच के लिए जो सैंपल सीएफएसएल दिल्ली भेजे जाते हैं, उनकी रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रही है। लैब गृह मंत्रालय के अंडर में है। गृह मंत्रालय के आदेशों पर ही डीएनए जांच के लिए भेजे सैंपलों की जल्द जांच हो सकती है। बता दें कि सीबीआई ने डीएनए जांच के लिए 173 लोगों के सैंपल भेजे हैं, इनमें से अभी तक 57 की ही रिपोर्ट आई है।