किसी और की पंक्तियों को थरूर ने बताया गालिब का, अख्तर ने कराया गलती का एहसास
किसी और की पंक्तियों को थरूर ने बताया गालिब का, अख्तर ने कराया गलती का एहसास
- इस बार ग़ालिब को लेकर ट्वीट कर वो खुद को एंबेरेसिंग सिचवेशन में पा रहे हैं
- कांग्रेस नेता शशि थरूर अक्सर अपनी इंग्लिश से फॉलोवर्स को प्रभावित करते हैं
- थरूर ने गालिब की गलत जन्मतिथि के साथ-साथ गलत पंक्तियां भी शेयर कीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर अक्सर अपनी इंग्लिश से फॉलोवर्स को प्रभावित करते हैं। लेकिन इस बार मशहूर शायर मिर्जा ग़ालिब की 220वीं जयंती को लेकर ट्वीट कर वो खुद को एंबेरेसिंग सिचवेशन में पा रहे हैं। थरूर ने मिर्जा गालिब की गलत जन्मतिथि के साथ-साथ कुछ पंक्तियां भी शेयर कीं और उन्हें भी ग़ालिब का बताया।
मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्मदिन 27 दिसंबर को पड़ता है और 63 वर्षीय राजनेता को को जब इसका पता चला तो उन्होंने अपनी गलती को सुधारते हुए एक और ट्वीट किया। थरूर ने लिखा, "ग़ालिब सभी के फेवरेट हैं। लेकिन, आज उनका जन्मदिन नहीं है। मुझे गलत जानकारी दी गई थी फिर भी इन लाइनों का लुत्फ उठाइए।" हालांकि, थरूर को ये नहीं पता था कि उन्होंने न केवल जन्मतिथि गलत लिखी थी, बल्कि उन्होंने जो पंक्तियां शेयर की थी वो भी गालिब के बजाय किसी अन्य कवि की थीं।
जावेद अख्तर ने थरूर को उनकी गलती का एहसास कराते हुए लिखा, "शशि जी, जिस भी शख्स ने आपको ये लाइनें दी हैं, उस पर दोबारा भरोसा कतई नहीं किया जाना चाहिए। यह स्वाभाविक है कि किसी ने आपकी पोस्ट में ये लाइनें डाल दी हों। लेकिन, ऐसा करके उसने आपकी बौद्धिक विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।"
अख्तर को जवाब देते हुए थरूर ने लिखा, "जावेद जी और अन्य दोस्तों का धन्यवाद, मुझे अहसास दिलाने के लिए कि मैंने क्या किया था। लाइनें ग़ालिब की नहीं हैं। जिस तरह हर क्लेवर क्वोट को विंस्टन चर्चिल का बताया जाता है, भले ही ये उनका न हो। इसलिए ऐसा लगता है कि जब भी लोग शायरी पसंद करते हैं, तो वे इसके लिए ग़ालिब को श्रेय देते हैं! मैं माफी मांगता हूं।"
Ghalib is an all-time favourite, but today is not his birthday. I was misinformed. Relish the lines anyway!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 20, 2019
Shashi ji , who ever has given you these lines should never be trusted again . It is obvious that some one had planted these lines in your repertoire to sabotage you literary credibility .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 20, 2019