अरुणाचल में सेला सुरंग से बढ़ेगी राष्ट्रीय सुरक्षा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल में सेला सुरंग से बढ़ेगी राष्ट्रीय सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित सेला सुरंग राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रक्षामंत्री सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेला सुरंग की मुख्य ट्यूब का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। 317 किलोमीटर लंबी बालीपारा-चारदुआर-तवांग (बीसीटी) सड़क पर स्थित सेला दर्रा 13,800 फीट की ऊंचाई पर है, जो अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग, पूर्वी कामेंग और तवांग जिलों को देश के शेष हिस्सों से जोड़ता है। यह यात्रा में लगने वाले समय को कम करता है और तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
सिंह ने प्रतिकूल मौसम में अत्यधिक ऊंचाई पर सड़कों, पुलों, सुरंगों एवं हवाई क्षेत्रों का निर्माण करके और दूर-दराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी मानचित्रों पर दिखाकर राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए बीआरओ की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बीआरओ के प्रयासों ने सशस्त्र बलों की संचालनात्मक तत्परता को बढ़ाया है, दूर-दराज के क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित किया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक सुरंग तवांग ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए जीवन-रेखा साबित होगी। रक्षामंत्री ने 10,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग - अटल सुरंग, रोहतांग और पूर्वी लद्दाख में 19,300 फीट पर दुनिया का सबसे ऊंचे मोटरेबल पास - उमलिंगला दर्रा के निर्माण के बारे में विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा कि बीआरओ की हाल की ये उपलब्धियां पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय बन गई हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेला सुरंग की मुख्य ट्यूब के सफल विस्फोट का नेतृत्व करने के अलावा, सिंह ने नई दिल्ली में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एक मोटरसाइकिल अभियान को झंडी दिखाकर रवाना किया। मोटरसाइकिल अभियान का जिक्र करते हुए सिंह ने इस अभियान को देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को एक उचित श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने कहा, यह अभियान आजादी का अमृत महोत्सव का हिस्सा है, जिसे देशभर में आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। भारतीय सेना और जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स के जवानों सहित बीआरओ के 75 मोटरसाइकिल सवार अगले 75 दिनों में लगभग 20,000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। ये जवान स्थानीय लोगों, स्कूली बच्चों, वीरता पुरस्कार विजेताओं, पूर्व-सैनिकों और वीर नारियों के साथ बातचीत करेंगे, चिकित्सा शिविर आयोजित करेंगे और स्वच्छ भारत अभियान तथा सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे।
रक्षामंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह अभियान लोगों विशेषकर युवाओं में राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र निर्माण का संदेश देगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि साहसिक गतिविधियों के अलावा, ऐसी गतिविधियों में रक्षा और सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। सिंह ने कहा, हम इस तरह के अभियानों के माध्यम से सीमा सुरक्षा और इसकी चुनौतियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र कर सकते हैं। हमारी सेना ने इस तरह की गतिविधियों को काफी प्रोत्साहन दिया है और इससे उन्हें सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां जुटाने में मदद मिली है। सिंह ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आम जनता तक पहुंचने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि ये पर्यटन को प्रोत्साहित करने, रोजगार पैदा करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
(आईएएनएस)