राफेल डील पर मोदी सरकार को झटका, दोबारा सुनवाई के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट
राफेल डील पर मोदी सरकार को झटका, दोबारा सुनवाई के लिए तैयार सुप्रीम कोर्ट
- SC ने राफेल सौदे पर सरकार की आपत्तियों को खारिज किया
- याचिकाकर्ताओं द्वारा जमा कराए गए रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों को कोर्ट ने मंजूर किया
- राफेल डील मामले पर सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ा झटका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा झटका लगा है। SC ने राफेल सौदे पर सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। तीन जजों की बेंच ने कहा कि जो दस्तावेज अदालत में पेश किए गए वो मान्य हैं। अदालत ने सरकार की आपत्तियां खारिज करते हुए कहा कि लीक हुए दस्तावेज मान्य हैं और उसकी जांच की जाएगी। अदालत ने कहा कि राफेल से जुड़े जो कागजात आए हैं, वो सुनवाई का हिस्सा होंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट राफेल डील मामले में 14 दिसंबर, 2018 के फैसले की समीक्षा करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। 14 मार्च को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाले बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल हैं।
Supreme Court allows admissibility of three documents in Rafale deal as evidence in re-examining the review petitions filed against the SC"s December 14 judgement refusing to order probe in procuring 36 Rafale fighter jets from France. https://t.co/zqqdrTx8YS
— ANI (@ANI) April 10, 2019
Arun Shourie, who filed review plea in Rafale deal verdict: Our argument was that because the documents relate to Defence you must examine them. You asked for these evidence we have provided it. So Court, has accepted our pleas rejected the arguments of the Govt. pic.twitter.com/5S2xI0lkiV
— ANI (@ANI) April 10, 2019
राफेल मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका दिया है। याचिकाकर्ताओं द्वारा जमा कराए गए रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों को कोर्ट ने मंजूर किया है। दस्तावेजों के खिलाफ केंद्र सरकार की दलीलों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है। अब सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगा। राफेल मामले में दाखिल रिव्यू पिटिशन में रक्षा मंत्रालय द्वारा राफेल सौदे से जुड़े नए दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर किया है। केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि यह दस्तावेज चोरी के हैं और सीक्रेट एक्ट के खिलाफ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलील खारिज कर दी है। इसे लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राफेल मामले में मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राफेल मामले में सामने आए रक्षा मंत्रालय के नए दस्तावेज पूरी डील और प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठा रहे थे। उन दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया। उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर सुनवाई होगी।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने CJI रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच को बताया था कि लीक दस्तावेजों को प्रकाशित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इस पर सरकार का विशेषाधिकार है। साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 और आरटीआई के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए वेणुगोपाल ने कहा था, "साक्ष्य अधिनियम के प्रावधान के तहत, कोई भी संबंधित विभाग की अनुमति के बिना अदालत में विशेषाधिकार प्राप्त दस्तावेज पेश नहीं कर सकता है।" अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि कोई भी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित नहीं कर सकता है और राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है।