राफेल सौदा : SC ने रिव्यू पिटिशन पर फैसला रखा सुरक्षित
राफेल सौदा : SC ने रिव्यू पिटिशन पर फैसला रखा सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राफेल फाइटर जेट सौदे में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2018 में राफेल सौदे पर अपना फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी थी। इसके बाद इस मामले को लेकर रिव्यू पेटिशन दायर की गई थी।
राफेल सौदे को लेकर रिव्यू पेटिशन सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी द्वारा दायर की गई थी। प्रशांत भूषण ने दो घंटे की सुनवाई के दौरान कोर्ट से इस मामले के खिलाफ FIR दर्ज करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से इस सौदे के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू करने को भी कहा। जिसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दिया।
केन्द्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पुनर्विचार याचिका पर आपत्ति जताई। वेणुगोपाल ने कहा कि तीनों याचिकाकर्ता चुराये गए गोपनीय दस्तोवजों के आधार पर फैसले पर पुनर्विचार चाहते हैं। अटार्नी जनरल ने भारत और फ्रांस के बीच दोनों सरकार के बीच हुए समझौते की गोपनीयता का हवाला देते हुए कहा कि यह किसी फ्लाईओवर या बांध के निर्माण को लेकर ट्रीटी नहीं है। यह मामला रक्षा सौदे को लेकर है, जो कि किसी देश के लिए एक गंभीर मामला है। वेणुगोपाल ने पीठ से पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने की अपील की।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट राफेल डील मामले में 14 दिसंबर, 2018 के फैसले की समीक्षा करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। 14 मार्च को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाले बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल हैं।
इससे पहले 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर मोदी सरकार को बड़ी राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि "राफेल सौदे में कोई संदेह नहीं है। राफेल की गुणवत्ता में पर कोई सवाल नहीं है। हमने सौदे की पूरी प्रक्रिया को ठीक से पढ़ा है। हमें किसी भी प्रकार की अनियमिता नजर नहीं आई। विमान की कीमत देखना हमारा काम नहीं है।" अपना फैसला सुनने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच को लेकर लगाई गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।