प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- संसद टीवी सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर भी रहेगा
संसद टीवी हुआ लॉन्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- संसद टीवी सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर भी रहेगा
- उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे मौजूद
- संसद टीवी हुआ लॉन्च
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनल की भूमिका भी तेजी से बदल रही है। 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है। ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें। ये भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद टीवी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे है।
Speaking at the launch of Sansad TV. https://t.co/ZM9jPmEgv0
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2021
पीएम मोदी संसद टीवी का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का ऐसा माध्यम मिल रहा है, जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा। पीएम मोदी ने कहा, India is the mother of democracy भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है।
पीएम मोदी ने कहा, भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है। अपने नए अवतार में संसद टीवी सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर भी रहेगा, इसका अपना ऐप भी होगा। इससे हमारा संसदीय संवाद न केवल आधुनिक टेक्नोलॉजी से जुड़ेगा बल्कि आम जन तक उसकी पहुंच भी बढ़ेगी।
पीएम मोदी ने कहा, मेरा अनुभव है कि “कन्टेंट इज़ कनेक्ट। यानी, जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं। ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है! क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है। हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है। हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है।