SCO SUMMIT: आज मॉस्को पहुंचेंगे विदेश मंत्री जयशंकर, अपने चीनी समकक्ष से करेंगे मुलाकात
SCO SUMMIT: आज मॉस्को पहुंचेंगे विदेश मंत्री जयशंकर, अपने चीनी समकक्ष से करेंगे मुलाकात
- ईरान भी जा सकते हैं जयशंकर
- द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने की याद दिलाएंगे विदेश मंत्री
- भारत और चीन के बीच एक जटिल रिश्ता था: जयशंकर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच आज विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचेंगे। जयशंकर मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेशमंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा चीनी विदेश मंत्री वांग यी से 10 सितंबर को मुलाकात करेंगे। रूस रवाना होने से पहले विदेश मंत्री ने चीन को एक संदेश देते हुए कहा कि कोविड के बाद दुनिया में राष्ट्रवाद का वर्चस्व होगा।
बता दें कि जयशंकर मॉस्को में आयोजित 8 सदस्यीय SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं, जिसमें भारत और चीन सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने जयशंकर विदेश मंत्रालय के चीन डेस्क के अधिकारियों के साथ मंगलवार को मॉस्को पहुंचेंगे। इसके अगले ही दिन यानी बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी पहुंच रहे हैं।
भारत और चीन के बीच एक जटिल रिश्ता था: जयशंकर
उन्होंने कहा कि भारत और चीन का हालिया इतिहास कठिन रहा है। सीमा पर विघटन और डी-एस्केलेशन प्रैक्टिल मुद्दों में से एक है। जयशंकर ने कहा कि भारतीय और चीनी नेताओं ने वुहान और चेन्नई में अनौपचारिक बातचीत की है। बातचीत रणनीतिक इरादों पर आधारित थी। जयशंकर ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच एक जटिल रिश्ता था और उनकी जिम्मेदारी थी कि वह सही दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा मैं उन सभी चुनौतियों से परिचित हूं, जो हमारे सामने हैं। हमारे पास इतिहास से जुड़ी समस्याएं हैं।
आत्मनिर्भर भारत का प्रयास देश की प्रगति में सहायक होगा
विदेश मंत्री ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी के बिना शक्ति में बढ़ोत्तरी नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत" राष्ट्रीय क्षमता का निर्माण करने के लिए एक नीतिगत प्रयास है, यह भारत को विश्व स्तर पर किसी का विरोधी भी नहीं बनाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का कहर खत्म होने के बाद दुनिया अधिक कठिन होगी, राष्ट्र अधिक आत्म-केंद्रित हो जाएंगे, बहस अधिक उग्र हो जाएगी और दुनिया में राष्ट्रवाद का बोलबाला देखने को मिलेगा।
ईरान भी जा सकते हैं जयशंकर
विदेशमंत्री एस जयशंकर के चार दिवसीय रूस यात्रा पर जाने के दौरान मंगलवार को ईरान रुकने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मॉस्को रवाना होने से पहले जयशंकर संभवत: ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ से तेहरान में मुलाकात करेंगे। जयशंकर की यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्को यात्रा के महज कुछ दिन बाद हो रही है।
द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने की याद दिलाएंगे विदेश मंत्री
रूस दौरे पर जयशंकर चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान 3488 किमी लंबी एलएसी पर न्यूनतम संख्या में सैनिकों को रखने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौतों को लागू करने की याद दिलाएंगे। जयशंकर मांग कर सकते हैं कि चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में पहले की स्थिति बहाल करे और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे से भी पीछे हटे।
विदेश मंत्रियों की बहुप्रतीक्षित बैठक में 1993 के बाद से द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि दोनों नेता इस द्विपक्षीय बातचीत के दौरान लद्दाख में जारी तनाव को लेकर कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं। इससे पहले SCO के रक्षामंत्रियों की बैठक से इतर चीनी रक्षामंत्री वेई फेंगहे ने आग्रह करके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी।