राजस्थान: राज्यपाल को भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन, सीएम के इस्तीफे की मांग की
राजस्थान: राज्यपाल को भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन, सीएम के इस्तीफे की मांग की
- कटारिया ने कहा- गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए
- कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का एक निम्न-बिंदु
- सीएम का बयान उन्हें आईपीसी की धारा 124 के तहत सजा दिला सकता है
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजभवन का घेराव वाले बयान पर घिरते जा रहे हैं। राज्य में भाजपा के अध्यक्ष सतीश पुनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया के नेतृत्व में भाजपा के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य की कोरोना स्थिति को लेकर जयपुर के राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इस दौरान दल ने सीएम गहलोत के इस्तीफे की मांग की। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सीएम का बयान उन्हें सजा दिला सकता है।
कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का एक निम्न-बिंदु
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राजभवन में कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का एक निम्न-बिंदु था। यहां कोई शासन नहीं है और जो लोग सत्ता में हैं वे हफ्तों से एक पांच सितारा होटल में ठहरे हैं। विभिन्न मुद्दों के कारण लोग परेशान हैं।
सीएम का बयान उन्हें आईपीसी की धारा 124 के तहत सजा दिला सकता है
वहीं राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य के मुखिया ये चेतावनी देते हैं कि 8 करोड़ जनता राज्यपाल को घेर लेगी। यह गलत है। यह बयान मुख्यमंत्री गहलोत को आईपीसी की धारा 124 के तहत सजा दिला सकता है।
कटारिया ने कहा- गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए
भाजपा के दल ने मुख्यमंत्री के बयान के संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है। उधर, नेता विपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के मुखिया हैं। वे खुद कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति के उल्लंघन के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। वे जिम्मेदार नहीं होंगे, तो कौन होगा? उन्हें ऐसी भाषा का उपयोग करने के लिए इस्तीफा देना चाहिए।