सीएम योगी के गृह जिले के अस्पताल में नाबालिग की अस्मत पर वार
सीएम योगी के गृह जिले के अस्पताल में नाबालिग की अस्मत पर वार
डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का सरकारी अस्पताल बीरआडी (बाबा राघव दास) अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अस्पताल के सुर्खियों में रहने की वजह यहां पर एक नाबालिग से रेप की कोशिश होना है। ये वही बीआरडी अस्पताल है जिसमें पिछले साल ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई थी। इसके अलावा इंसेफ्लाइटिस से बच्चों की मौत को लेकर भी ये अस्पताल खासा चर्चाओं में रहा था।
नौकरी का झांसा देकर रेप की कोशिश
जिस नाबालिग के साथ रेप की कोशिश हुई है वो यूपी के बलरामपुर की रहने वाली है और घरवालों से नाराज होकर वो एक हफ्ते पहले ही लखनऊ पहुंची थी। इसी दौरान नाबालिग एक महिला के संपर्क में आई जिसने उसे नौकरी का झांसा देकर गोरखपुर बुलाया। महिला ने खुद को बीआरडी अस्पताल की नर्स बताया था। नाबालिग महिला से मिलने के लिए अस्पताल पहुंची थी इसी दौरान रात को जब नाबालिग ने फोन चार्ज करने की बात कही तो महिला ने उसे दो तीन पुरुषों के साथ छत पर भेज दिया। छत पर उन लोगों ने नाबालिग के साथ ज्यादती करने की कोशिश की। नाबालिग किसी तरह अपनी इज्जत बचाकर नग्न अवस्था में ही नीचे भागी और शोर मचाया। नाबालिग की चीख सुनकर अस्पताल में मौजूद लोग जमा हो गए और लोगों ने चादर से उसे ढंका। बाद में नाबालिग ने पूरी घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है। महज 15 साल की इस नाबालिग के साथ हुई इस घटना के लोग सकते में हैं और बीआरडी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
A fifteen-year-old girl was allegedly sexually assaulted by 4 people inside BRD College in Gorakhpur. Police says, "An FIR has been registered against all the accused a search operation has been launched by the police to nab the culprits". pic.twitter.com/MkghwSsM9T
— ANI UP (@ANINewsUP) 24 June 2018
पुलिस के हाथ अब भी खाली
नाबालिग के साथ रेप की कोशिश का ये मामला शनिवार रात का है लेकिन मामले में अभी तक पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस पीड़िता के मोबाइल काल डिटेल और सीडीआर से आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। मामले में एक और हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि वारदात के 36 घंटों बाद भी पुलिस पीड़िता का मेडिकल चैकअप नहीं करा पाई।