Rajnath in Leh: राजनाथ सिंह ने कहा- हमारी एक इंच जमीन कोई छीन नहीं सकता
Rajnath in Leh: राजनाथ सिंह ने कहा- हमारी एक इंच जमीन कोई छीन नहीं सकता
- इस समय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत का दौर चल रहा है- राजनाथ सिंह
- भारत की एक इंच जमीन को भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती- सिंह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लेह के स्टकना पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इस समय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत का दौर चल रहा है। मामला हल होना चाहिए, लेकिन कहां तक हल होगा इसकी अभी मैं कोई गारंटी नहीं दे सकता हूं। मैं इतना यकीन दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन को भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कब्जा नहीं कर सकती है।
क्या कहा राजनाथ सिंह ने?
राजनाथ सिंह ने कहा, आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है, हाल ही में भारत और चीन सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हए अपनी सीमा की रक्षा की। उन्हें खोने का गम और आपसे मिलने की खुशी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत और चीन की सेना के जवानों के बीच हाल में जो कुछ हुआ मैं ये कह सकता हूं कि आप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की है बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की है।
भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है। हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की ज़मीन पर हमने क़ब्ज़ा किया है। भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है। हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं। हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है। भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे।
भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है। मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारे जवानों ने शहादत दी है। इसका ग़म 130 करोड़ भारतवासियों को भी है। भारत का नेतृत्व सशक्त है। हमें नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। फ़ैसला लेने वाला प्रधानमंत्री मिला है। यदि हम आज लद्दाख़ में खड़े हैं तो आज के दिन मैं कारगिल युद्द में भारत की सीमाओं की अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को भी स्मरण एवं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।