पंजाब: कृषि बिल का विरोध, पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर किसान ने खाया जहर, हालत गंभीर
पंजाब: कृषि बिल का विरोध, पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर किसान ने खाया जहर, हालत गंभीर
- पंजाब में एक किसान ने की आत्महत्या की कोशिश
- पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के आवास के बाहर खाया जहर
- मोदी सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। लोकसभा में परित मोदी सरकार के कृषि बिल के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए हैं। पंजाब और हरियाणा में किसान विरोध प्रदर्शन कर कृषि से जुड़े तीन बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को पंजाब में मुक्तसर जिले के बादल गांव में प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर ही किसान धरना दे रहे हैं और इसी दौरान एक किसान ने जहर खा लिया।फिलहाल किसान को अस्पताल ले जाया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रकाश सिंह बादल के आवास के बाहर किसानों का प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के राज्य सचिव शिंगारा सिंह मान ने कहा, 60 वर्षीय किसान प्रीतम सिंह लोकसभा में कृषि विधेयकों के पारित होने पर परेशान थे। लोकसभा में कृषि बिल के पारित होने से सभी किसान परेशान हैं, उन्हें डर है बिल से किसानों को भारी नुकसान होगा। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आवास के ठीक बाहर बादल गांव में किसानों का प्रदर्शन जारी है।
किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेगी पार्टी- सुखबीर बादल
दरअसल भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बावजूद लोकसभा में गुरुवार को दो कृषि विधेयक पारित किए गए। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने विधेयकों को किसान विरोधी करार दिया था। मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंत्री ने इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए, एसएडी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा था, पार्टी सरकार और भाजपा को समर्थन देना जारी रखेगी, लेकिन किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेगी।
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इस वजह से हो रहा है विरोध
केंद्र के तीन कृषि विधेयकों को लेकर विवाद है। इसमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता एवं मूल्य आश्वासन बिल और आवश्यक वस्तु संशोधन बिल शामिल है। इन अध्यादेशों को लेकर यह कहा जा रहा है कि, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ही आमदनी का एकमात्र जरिया है, अध्यादेश इसे भी खत्म कर देगा। इसके अलावा ये अध्यादेश साफ तौर पर मौजूदा मंडी व्यवस्था का को भी खत्म करने वाले हैं। विपक्ष और सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने गुरुवार को कृषि से संबंधित दो बिल लोकसभा से पास करा लिए।