भारतीय डॉक्टर के बारे में अफगान दूत के ट्विटर चैट में शामिल हुए पीएम मोदी, शेयर किया मैसेज

भारतीय डॉक्टर के बारे में अफगान दूत के ट्विटर चैट में शामिल हुए पीएम मोदी, शेयर किया मैसेज

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-01 17:15 GMT
भारतीय डॉक्टर के बारे में अफगान दूत के ट्विटर चैट में शामिल हुए पीएम मोदी, शेयर किया मैसेज
हाईलाइट
  • पीएम ने कहा
  • आप बलकौर ढिल्लों के हरिपुरा भी जाइए और गुजरात के हरिपुरा भी
  • पीएम मोदी भारत में अफगानिस्तान के राजदूत के साथ एक ट्विटर बातचीत में शामिल हुए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे के साथ एक ट्विटर बातचीत में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, आप बलकौर सिंह ढिल्लों के हरिपुरा भी जाइए और गुजरात के हरिपुरा भी जाइए, वो भी अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं। मेरे भारत के एक डॉक्टर के साथ का अपना अनुभव आपने जो शेयर किया है, वो भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की खुशबू की एक महक है।

 

 

पीएम के इस जवाब के बाद अफगानिस्तान के राजदूत ने लिखा, अच्छे दोस्त सितारों की तरह होते हैं, आप उन्हें हमेशा नहीं देखते, लेकिन आप जानते हैं कि वे हमेशा मौजूद रहते हैं। भारतीयों और अफगानों के संबंधों की कहानी। समय देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद। यह इस पुरानी और गहरी दोस्ती का एक और उदाहरण है। दरअसल, हिंदी में ट्वीट्स की एक सीरीज में, अफगान दूत ने एक भारतीय डॉक्टर के साथ बातचीत के अपने हालिया अनुभव को याद किया था। उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर को पता चला कि वह अफगानिस्तान से हैं तो उन्होंने फीस लेने से इनकार कर दिया।

अफगानिस्तानी राजदूत ने लिखा, "कुछ दिन पहले मैं इलाज के लिए एक डॉक्टर के पास गया था। यह जानने पर कि मैं भारत में अफ़ग़ान राजदूत हूं, डॉक्टर ने मेरे इलाज के लिए कोई भी भुगतान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जब मैंने कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि मैं अफगानिस्तान के लिए बहुत कम कर सकता हूं और यानी मैं एक भाई को चार्ज नहीं करूंगा। आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे। यह भारत है; प्यार, सम्मान, मूल्य और करुणा। आपके कारण मेरे दोस्त, अफगान थोड़ा कम रोते हैं, थोड़ा और मुस्कुराते हैं और बहुत अच्छा महसूस करते हैं।" ये ट्वीट बुधवार को पोस्ट किए गए थे और ट्विटर पर वायरल हो गए।

एक ट्विटर यूजर बलकौर सिंह ढिल्लों ने दूत को अपने गांव हरिपुरा आने का न्योता दिया। इस पर राजदूत ने पूछा कि क्या वह गुजरात के सूरत में इस नाम के किसी गांव की बात कर रहे हैं? ढिल्लों ने कहा कि उन्होंने जिस हरिपुरा गांव का जिक्र किया वह पंजाब की सीमा के पास राजस्थान के हनुमानगढ़ में है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी भी बातचीत में शामिल हुए और कहा कि दूत को दोनों गांवों का दौरा करना चाहिए और यह भी उल्लेख किया कि गुजरात का हरिपुरा अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं। बता दें कि गुजरात के हरिपुरा गांव ने 1938 में स्वतंत्रता पूर्व भारत में एक कांग्रेस सत्र की मेजबानी की थी जिसमें सुभाष चंद्र बोस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए थे।

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