पीएम ने ममता को बताया अहंकारी, कहा- फानी पर चर्चा की कोशिश की, लेकिन जवाब नहीं मिला
पीएम ने ममता को बताया अहंकारी, कहा- फानी पर चर्चा की कोशिश की, लेकिन जवाब नहीं मिला
डिजिटल डेस्क, तमलुक। चुनावी मौसम में चक्रवात "फानी" को लेकर राजनीति गर्माती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पिछले सप्ताह चक्रवात फानी से हुए नुकसान पर चर्चा करने के लिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद, ममता बनर्जी ने उनकी चर्चा के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। उधर, मोदी की टिप्पणी के बाद ममता बनर्जी ने कहा, "मैं पीएम का फोन नहीं ले पाई क्योंकि मैं खड़गपुर में थी।"
मोदी ने पश्चिम बंगाल के तमलुक जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा "पश्चिम बंगाल की स्पीड ब्रेकर दीदी ने इस चक्रवात में भी राजनीति करने की भरपूर कोशिश की है। चक्रवात के समय मैंने ममता दीदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी, लेकिन दीदी का अहंकार इतना ज्यादा है कि उन्होंने बात नहीं की। मैं इंतजार करता रहा कि शायद दीदी वापस फोन करे, लेकिन उन्होंने फोन नहीं किया। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों की चिंता में था इसलिए मैंने दोबारा फोन किया, लेकिन दीदी ने दूसरी बार भी बात नहीं की। दीदी की इस राजनीति के बीच, मैं पश्चिम बंगाल के लोगों को फिर भरोसा देता हूं कि केंद्र सरकार पूरी शक्ति से पश्चिम बंगाल की जनता के साथ खड़ी है और राहत के काम में राज्य सरकार का हर तरह से सहयोग कर रही है।
जब ममता बनर्जी से प्रधानमंत्री की बात नहीं हो सकी तो इसके बाद प्रधानमंत्री ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से बात की। पीएम ने राज्यपाल से हुई बातचीत को लेकर ट्वीट भी किया था। पीएम ने कहा, "चक्रवात फानी को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी जी से बात की। चक्रवात से निपटने के लिए आवश्यक सभी सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र की बात को उन्होंने दोहराया। चक्रवात फानी के मद्देनजर बंगाल के लोगों के साथ मेरी एकजुटता को भी व्यक्त किया।
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फानी तूफान के संबंध में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की, लेकिन सीएम ममता बनर्जी को उन्होंने फोन नहीं किया। तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था, "राज्यपाल को फोन करके उन्होंने भाजपा के नेता के रूप में काम किया है और देश के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं। वह हमारे लोगों के जनादेश को कैसे नकार सकते हैं? ममता बनर्जी बंगाल की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।