करगिल विजय दिवस के कार्यक्रम में बोले मोदी, पाक शुरू से कश्मीर को लेकर छल करता रहा
करगिल विजय दिवस के कार्यक्रम में बोले मोदी, पाक शुरू से कश्मीर को लेकर छल करता रहा
- करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर शनिवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया
- करगिल दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में शनिवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। नरेन्द्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने करगिल विजय दिवस के अवसर पर देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने एक बार फिर पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला। पीएम ने कहा, पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा हैं।
पीएम मोदी ने कहा, करगिल विजय दिवस के अवसर पर आज हर देशवासी शौर्य और राष्ट्र के समर्पित एक प्रेरणादायक गाथा को स्मरण कर रहा है। आज के अवसर पर मैं उन सभी शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल की चोटियों से तिरंगे को उतारने के षड़यंत्र को असफल किया। उन्होंने कहा करगिल में विजय भारत के वीर बेटे, बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी। करगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी। करगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी। करगिल में विजय भारत के मर्यादा और अनुशासन की जीत थी।
पीएम ने कहा, अपना रक्त बहाकर जिन्होंने सर्वस्व न्यौछावर किया उन शहीदों को, उनको जन्म देने वाली वीर माताओं को भी मैं नमन करता हूं। सैनिक आज के साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए अपना जीवन बलिदान करते हैं। हमारा आने वाला कल सुरक्षित रहे, उसके लिए वो अपना वर्तमान स्वाहा कर देता है। सैनिक जिंदगी और मौत में भेद नहीं करते, उनके लिए कर्तव्य ही सब कुछ होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध सरकारें नहीं लड़ती हैं। युद्ध पूरा देश लड़ता है। सरकारें आती जाती रहती हैं, लेकिन जो देश के लिए मरने जीने की परवाह नहीं करते हैं, वे अजर अमर होते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक आने वाले दिनों के लिए खुद को मिटा देते हैं। उन्होंने कहा, "मैं 20 साल पहले करगिल तब भी गया था जब युद्ध अपने चरम पर था। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठकर अपने खेल, खेल रहा था। एक साधारण नागरिक के नाते मैंने मोर्चे पर जुटे अपने सैनिकों के शौर्य को उस मिट्टी पर जाकर नमन किया था।
पीएम ने कहा, पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा। 1948, 1965, 1971 उसने यही किया। लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई। बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस "वन रैंक वन पेंशन" लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया।
बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस "वन रैंक वन पेंशन" लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया। इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का किया गया। इसके अलावा "नेशनल वॉर मेमोरियल" भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा है।
भारत का इतिहास गवाह है कि भारत कभी आंक्राता नहीं रहा है। मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है। हमारा देश इसी नीति पर चला है। भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है। तो विश्व में हम मानवता और शांति के रक्षक भी हैं। करगिल युद्ध के समय अटल जी ने कहा था कि हमारे पड़ोसी को लगता था कि करगिल को लेकर भारत प्रतिरोध करेगा, विरोध प्रकट करेगा और तनाव से दुनिया डर जाएगी। लेकिन हम जवाब देंगे, प्रभावशाली जवाब देंगे उसकी उम्मीद उनको नहीं थी।
आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है। इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है। जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है। बीते पांच वर्षों में बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम को सशक्त किया गया। देश के 17 राज्यों को साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की मदद इसी एक काम के लिए दी गई।
जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे लोगों को आरक्षण यह भी इसी कड़ी में लिया गया एक अहम फैसला है। देश के हर नागरिक और अपने शूरवीरों के साझा प्रयासों से देश की सुरक्षा अभेद्य है और अभेद्य रहेगी।